आरयू वेब टीम।
आधी रात को अचानक सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर एक बार फिर विरोधियों के हमले मोदी सरकार पर तेज हो गए है। इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार के गुजरात मॉडल का असली रूप बताया तो आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया है कि मोदी सरकार किस कानून के तहत सीबीआइ प्रमुख को हटा सकती है?
वहीं सीबीआइ विवाद पर सरकार की सफाई के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए ट्वीट कर कहा सीबीआइ चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया। प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा। हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा। देश और संविधान खतरे में हैं।
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वहीं इस मामले पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा ‘मोदी सरकार ने सीबीआइ की स्वतंत्रता में ‘आखिरी कील’ ठोकी है, सीबीआइ की व्यवस्थित बर्बादी और बदनामी पूर्ण तरीके से हो गई है, एक प्रमुख जांच एजेंसी, सीबीआइ की अखंडता, दृड़ता और विश्वसनीयता को दफन करना प्रधानमंत्री ने सुनिश्चित कर दिया है।’
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने मोदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राफेल की जांच से डर कर आलोक वर्मा को हटाया गया। उन्होंने आगे कहा कि आखिर मोदी सरकार यह सब करके क्या छिपाना चाह रही है। उनकी पार्टी के मनीष सिसोदिया ने कहा कि आलोक वर्मा राफेल मामले पर केस दर्ज करना चाहते थे, इसीलिए उन्हें हटाया गए है।
सीबीआइ हो गई बीबीआइ: ममता बनर्जी
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआइ को एक नया नाम दे दिया है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ अब बीबीआइ हो गई है। बीबीआइ का मतलब बीजेपी ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन। उन्होंने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
राकेश अस्थाना को बचा रही भाजपा: सीताराम येचुरी
सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि ‘अपने अधिकारी’ राकेश अस्थाना को बचाने के लिए सरकार ने गैरकानूनी तरीके से सीबीआइ डायरेक्टर को हटाया है। येचुरी के अनुसार सीबीआइ में नंबर दो रहे अस्थाना के रिश्ते सीधे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से हैं।
छुट्टी पर भेजना पूरी तरह से गैरकानूनी देंगे चुनौती: प्रशांत भूषण
सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसले को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट कर कहा, ‘यह भयभीत और संदिग्ध है, सरकार ने सीबीआइ निदेशक को हटा दिया है। क्योंकि वह भ्रष्ट विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का पीछा कर रहे थे। जिन्हें पीएमओ द्वारा सीबीआइ को थोपा गया है। बिना सीबीआइ द्वारा उनके भ्रष्टाचार के मामलों की जांच किए उन्हें छुट्टी पर भेजना पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।’
बता दें कि हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग कारोबारी मोइन कुरैशी को क्लीन चिट देने में कथित घूस लेने के आरोपों पर सीबीआइ ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर केस दर्ज किया, जिसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआइ चीफ आलोक वर्मा पर भी दो करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप लगा दिया। दोनों शीर्ष अफसरो के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप से सीबीआइ की विश्वसनीयता पर उठते सवालों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है। जिसके बाद से मोदी सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है।