आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ में घूसकांड को लेकर मची उथल-पुथल के बीच बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस प्रकरण के लिए सीबीआइ से ज्यादा मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही मायावती ने कहा कि इस कांड से जनता का भरोसा सीबीआइ पर से काफी ज्यादा डगमगा गया है।
आज अपने एक बयान में सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआइ में विभिन्न प्रकार के हस्तक्षेपों व सरकारी मशीनरी के दुरुपयोगों के कारण पहले भी काफी कुछ अनर्थ होता रहा है तथा अब वर्तमान में भी जो काफी कुछ उठा-पठक हो रही है वह देश के लिए बहुत बड़ी चिंता की बात है।
मायावती ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सीबीआइ पर छाए संकट के लिए अफसरों से कहीं ज्यादा मोदी सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि सरकार की द्वेषपूर्ण, जातिवादी व सांप्रदायिकता पर आधारित नीतियों व कार्यकलापों ने सीबीआइ ही नहीं, बल्कि हर उच्च सरकारी, संवैधानिक व स्वायत्त संस्थाओं को संकट व तनाव में डाल रखा है।
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बसपा सुप्रीमो ने हमला जारी रखते हुए कहा कि इसी वजह से देशभर में अब आमजन की भावना है कि बीजेपी व मोदी सरकार के लिए उनके अपने दामन पर विजय माल्या प्रकरण, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी व राफेल लड़ाकू विमान सहित अनेक प्रकार के लगे काले धब्बे तो अच्छे लगते हैं और उसकी कोई उचित जांच भी नहीं कराई जाती है, लेकिन बीजेपी विरोधी पार्टियों व अन्य संगठनों के खिलाफ सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करके इनको चुन-चुनकर द्वेषपूर्ण कार्रवाईयों का निशाना बनाने का काम पिछले साढ़े चार सालों से मोदी सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिसकी वजह से भी सरकारी संस्थाओं पर से लोगों का भरोसा काफी कम हुआ है, जिसका समाधान आवश्यक है।
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