आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। देश की तेज तर्रार आइएएस अफसरों में शुमार बी चन्द्रकला के आवास पर शनिवार को सीबीआइ की टीम ने छापेमारी की है। अधिकारियों की टीम आज सुबह लखनऊ स्थित योजना भवन के समीप बने सफायर अपार्टमेंट स्थित उनके फ्लैट पर पहुंची। हालांकि स्टडी लीव पर चल रहीं बी चन्द्रकला छापेमारी के समय वहां मौजूद नहीं थी।
कहा जा रहा है हमीरपुर में हुए अवैध खनन के मामले में आज सीबीआइ की विभिन्न टीमों ने लखनऊ के अलावा दिल्ली, कानपुर, हमीरपुर और जालौन में कुल 12 जगाहों पर छापेमारी की है। ये कार्रवाई हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद की गयी है। इसी कार्रवाई की जद में हमीरपुर की तत्कालीन डीएम व सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली बी चन्द्रकला भी आयीं हैं। इस मामले में सीबीआइ ने हाई कोर्ट के आदेश पर बी. चन्द्रकला समेत 11 आरोपितों के खिलाफ सीबीआइ ने मुकदमा भी दर्ज कराया है।
सीबीआइ की छापेमारी की जद में कई मोरंग व बालू कारोबारी-ठेकेदार के अलावा अन्य लोग भी आए हैं। टीम लगभग सभी जगहों पर लोगों से पूछताछ करने के साथ ही साक्ष्य जुटाने के लिए घरों का कोना-कोना भी खंगाला।
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2008 बैच की आइएएस अधिकारी बी चन्द्रकला पिछले साल ही अपने मूल कॉडर यानी उत्तर प्रदेश लौटी हैं। बताते चलें कि पिछली सपा सरकार में बी चन्द्रकला की तैनाती हमीरपुर में बतौर जिलाधिकारी के रूप में हुई थी। आरोप है कि बी चन्द्रकला ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे। ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था, लेकिन तत्कालीन डीएम ने इसकी अनदेखी की थी।
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वहीं साल 2015 में अवैध मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए कैंसिल कर दिए थे।
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लगभग तीन घंटें की पड़ताल के बाद सीबीआइ की टीम दोपहर एक बजे आइएएस अफसर के फ्लैट से बाहर निकली। हालांकि दस सदस्यों वाली सीबीआइ की टीम मीडिया से बात करने से मना करते हुए वापस लौट गयी।
सीबीआइ ने इनके खिलाफ दर्ज कराई एफआइआर
अवैध खनन के इस मामले में सीबीआइ ने बी चन्द्रकला के साथ ही हमीरपुर के तत्कालीन खनन अधिकारी मोईनुद्दीन, क्लर्क रामआसरे, हमीरपुर के पट्टाधारक एमएलसी रमेश कुमार मिश्र, उनके भाई व पट्टा धारक दिनेश कुमार मिश्र, पट्टा धारक अंबिका तिवारी, पट्टा धारक करन सिंह, पट्टा धारक राम अवतार सिंह, पट्टा धारक सत्यदेव दीक्षित, पट्टा धारक संजय दीक्षित व खननकर्ता आदिल खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
अखिलेश से भी पूछताछ कर सकती है सीबीआइ
वहीं सीबीआइ की जांच और तेजी को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि सीबीआइ पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा पूर्व सीएम अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है। साथ ही इस मामले में सीबीआइ की कार्रवाई के जद में कई दूसरे बड़े अफसर भी आ सकते है।
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Central Bureau of Investigation (CBI) raids continue at multiple locations in Delhi, Lucknow, Kanpur, Hamirpur and Jalaun in connection with the illegal sand mining case of Uttar Pradesh. pic.twitter.com/SuKu9bUnLm
— ANI (@ANI) January 5, 2019