आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। घूसखोरी के मामले में फंसने के बाद निलंबित चल रहे प्रदेश सरकार के मंत्रियों के तीनों निजी सचिव को शनिवार को हजरतगंज पुलिस ने बापू भवन के पास से गिरफ्तार कर लिया। लिखा-पढ़ी के बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। हजरतगंज पुलिस ने ये पूरी कार्रवाई काफी गोपनीय ढंग से की तड़के ही हुई गिरफ्तारी की बात मीडिया को भी रात में पता चल सकी।
बताते चलें कि एक निजी चैनल के स्टिंग आपरेशन में फंसे बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी, पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी को सीएम के निर्देश पर बीते 27 दिसंबर को निलंबित कर दिया गया था।
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इसके साथ ही तीनों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच के लिए सीएम के निर्देश पर एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्णा के नेतृत्व में एसआइटी भी गठित की गयी थी। जिसे दस दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी थी।
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वहीं दस दिन बीतने से पहले ही एसआइटी की जांच में आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने व एडीजी राजीव कृष्णा के निर्देश पर आज हजरतगंज इंस्पेक्टर राधा रमण सिंह ने अपनी टीम के सहयोग से तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। एडीजी जोन ने भी माना कि आरोपितों के खिलाफ जांच में एसआइटी को साक्ष्य मिले हैं।
सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि ये गिरफ्तारी बापू भवन के पास से आज सुबह करीब सात बजे की गयी है। जिसके बाद आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया था, जहां उन्हें बेल नहीं मिल सकी।
जाने किस निजी सचिव पर लगे क्या आरोप
ओम प्रकाश कश्यप पर सिद्धार्थनगर में बीडीओ और बीएसए को हटाने, आबकारी विभाग का काम कराने और निजी कंपनी को ठेका दिलाने के नाम पर दीपावली गिफ्ट मांगने का आरोप लगा है, जबकि संतोष अवस्थी पर स्टिंग में ठेका दिलाने के नाम पर अनुचित लाभ लेने का आरोप है। वहीं एसपी त्रिपाठी पर सहारनपुर में पहाड़ का खनन दिलाने के अलावा शाहजहांपुर, महोबा, बांदा, सोनभद्र और मिर्जापुर समेत अन्य जिलों में खनन का ठेका दिलाने तथा समस्या आने पर उसे मैनेज कराने का आरोप लगा है।