आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भ्रष्टाचार व घूसखोरी पर लगाम लगाने के साथ ही उसे जड़ से मिटाने का आश्वासन देकर सत्ता में आयी भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में नाकाम नजर आ रही है। योगी सरकार में भ्रष्टाचार का ताजा मामला एक निजी चैनल पर दिखाए गए स्टिंग आपरेशन के माध्यम से सामने आया है, जिसमें तीन मंत्रियों के निजी सचिव ट्रांसफर, पोस्टिंग और ठेके पट्टे के नाम पर पैसे की डिमांड करते दिखाए गए हैं। स्टिंग में घूस का मामला सामने आने के बाद तीनों मंत्रियों के निजी सचिव को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, खनन राज्य मंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी और शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी को तत्काल सस्पेंड कर दिया है। साथ ही हजरतगंज कोतवाली में तीनों निजी सचिवों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
इसके अलावा सख्त रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी को दस दिन में जांच पूरी करने का आदेश दिया है। मामले की जांच के लिए एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया गया है। आइजी एसटीएफ एवं सतर्कता अधिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारी भी इसके सदस्य होंगे। वहीं, विशेष सचिव आइटी राकेश वर्मा भी जांच में सहयोग करेंगे।
यह भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के लिए चर्चित LDA का बाबू घूस लेते हुए चढ़ा एंटी करप्शन की टीम के हत्थे
बताते चलें कि इस मामले पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि पीएस ओपी कश्यप जूता-मोजा के जिस टेंडर में कमीशन मांग रहा था, वह मामला शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री से जुड़ा है। मैंने अपने मंत्रालय के प्रमुख सचिव महेश गुप्ता को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें- खुद को सत्ताधारी दल का नेता बताने वाले अशोक पाण्डेय से भाजपा ने किया किनारा