आरयू वेब टीम। भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पूर्व आइएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की गई है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, ज्ञानेश कुमार अब राजीव कुमार की जगह लेंगे। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस नियुक्ति पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में चयन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक इस प्रक्रिया को स्थगित करना चाहिए था। आधी रात को ये फैसला लेना अपमानजनक है।
दरअसल मौजूदा सीईसी राजीव कुमार आज रिटायर हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तीन सदस्यीय समिति ने सोमवार को यह फैसला लिया, हालांकि यह निर्णय 2:1 के बहुमत से हुआ, क्योंकि राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया पर असहमति जताई है। वहीं राहुल गांधी ने मंगलवार को अपने असहमति नोट की प्रति साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अगले चुनाव आयुक्त का चयन करने वाली समिति की बैठक के दौरान, मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक असहमति पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त एक स्वतंत्र चुनाव आयोग का सबसे बुनियादी पहलू चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर, मोदी सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे राष्ट्र के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने का आधी रात को निर्णय लेना अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है, जबकि समिति की संरचना और प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा रही है और इस पर 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है।
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गौरतलब है कि पहले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआइ) की भूमिका होती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने पिछले साल कानून में बदलाव कर सीजेआइ को चयन समिति से हटा दिया था। इस बदलाव पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई थी और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।