आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो ने अब अपनी रणनीति बदल दी है। चुनाव से पहले मायावती का ब्राह्मण प्रेम छलका है। रविवार को मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की पिछले चुनाव में ब्राह्मण भाजपा के बहकावे में आ गए ,लेकिन अब पछता रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों को फिर से बसपा में स्वागत है।’
साथ यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि, ‘भाजपाइयों व कांग्रेसियों ने दलितों को पिछले चुनाव में बहकाने की खूब कोशिश की थी और उनके साथ खूब खिचड़ी खाई और खिलाई, लेकिन उन्हें दलितों पर गर्व है, क्योंकि दलित उनके बहकावे में नहीं आए।’
बसपा मुखिया ने आगे कहा, ‘तमाम हथकंडे अपनाकर भाजपा ने पिछले चुनाव में ब्राह्मणों को अपने पक्ष में कर लिया और ब्राह्मण भी उनके बहकावे में आ गए तथा उन्हें एक तरफा वोट किया। सरकार बना दी पर अब ब्राह्मण पछता रहे हैं, क्योंकि यह सब जानते हैं कि ब्राह्मणों पर इस सरकार में कितनी ज्यादती हुई है। अब समय आ गया है कि ब्राह्मण फिर से बसपा के साथ जुड़ जाएं क्योंकि 2007 के चुनाव में ब्राह्मण बसपा के साथ जुड़े थे और प्रदेश में बसपा की सरकार बन गई थी। बसपा ने भी ब्राह्मणों के हितों का पूरा ध्यान रखा था।’
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इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए 23 जुलाई से हम अभियान की शुरुआत कर रहे हैं और यह अभियान अयोध्या से सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में शुरू हो रहा। इसके लिए ब्राह्मण सम्मेलन शुरू किए जा रहे हैं। ब्राह्मण आखिर कांग्रेस और भाजपा पर कितना भरोसा करेंगे अब समय आ गया है कि इन दोनों को ही तिलांजलि दे दी जाए।
इसके अलावा मायावती ने कहा कि ‘केंद्र सरकार को किसानों की भी भावनाएं समझनी चाहिए। किसानों की मांगों के संबंध में संसद में केंद्र पर हर तरह का दबाव बनाना जरूरी है। केंद्र सरकार की गलत आर्थिक और अन्य नीतियों की वजह से देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच महंगाई के आसमान छूने से लोगों के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। संसद के मानसून सत्र में बसपा के सांसद इस मुद्दे के साथ ही आम मुद्दों को भी को जोर-शोर से उठाएंगे।’