आरयू वेब टीम। इंडियन एयरफोर्स के चीता हेलीकॉप्टर में उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आ जाने से गुरुवार की सुबह बागपत के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर रटौल गांव के समीप इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया। भारतीय वायुसेना के चीता हेलीकॉप्टर ने गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से चंडीगढ़ के लिए उड़ान भरी थी।
वहीं एक्सप्रेस-वे पर हेलीकॉप्टर उतने की खबर पलभर में आग की तरह पूरे गांव में फैल गई। जिसे देखने के लिए खेतों में काम कर रहे किसान सहित अन्य लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। इसकी सूचना मिलने पर चांदीनगर थाना पुलिस के साथ ही अन्य क्षेत्रीय अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और भीड़ को वहां से हटाया।
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मिली जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर को फ्लाईट लेफ्टिनेंट जेएस पान्डेय और एक्वाड्रन लीडर रोहित यादव उड़ा रहे थे। जैसे ही वे रटौल गांव के समीप पहुंचे, तो हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई। जिससे फ्लाइट लेफ्टिनेंट जेएस पान्डेय ने सूझ-बूझ के साथ हेलीकॉप्टर को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर उतार दिया और आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी। कुछ देर बाद एयरफोर्स का दूसरा हेलीकॉप्टर मैकेनिकों को लेकर मौके पर पहुंचा। खराब हेलीकॉप्टर का निरीक्षण करने के बाद मैकेनिक उसे वापस गाजियाबाद हिंडन एयरफोर्स ले गए।
इंडियन एयरफोर्स की ओर से जारी बयान में चीता हेलीकॉप्टर के पायलट द्वारा इमरजेंसी लैंडिंग को जरूरी और त्वरित एक्शन बताया गया है। एयरफोर्स के मुताबिक चीता हेलीकॉप्टर के इमरजेंसी लैंडिंग की सूचना मिलने के तुरंत बाद ही रिकवरी एयरक्राफ्ट को मौके पर भेजा गया। एयरफोर्स ने बताया है कि इमरजेंसी लैंडिंग की वजह से पायलट और मशीन दोनों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है।