आरयू ब्यूरो,लखनऊ। लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। आज एक बार फिर आरक्षण में घोटाले का आरोप लगा प्रदर्शन करने वाले 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी सीएम आवास पांच कालीदास पहुंच गए। सीएम के गेट पर प्रदर्शन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को आनन-फानन में हिरासत में लेकर कर फिर से ईको गार्डन भेज दिया गया।
आज मुख्यमंत्री आवास के गेट पर प्रदर्शन की खबर से पुलिस महकमें के हाथ-पांव फूल गए। दर्जनों की संख्या में अभ्यर्थियों ने न सिर्फ जमकर नारेबाजी की, बल्कि सड़क पर लेट गए। इस दौरान प्रदर्शन में महिला अभ्यर्थी भी शामिल रहीं। वहीं मौके पर पहुंची भारी संख्या में पुलिस ने बल प्रयोग कर अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आरोप था कि जब घोटाला करीब 17 हजार सीट का हुआ है तो उनको केवल 6800 सीट क्यों दी जा रही है। साथ ही अभ्यर्थियों का कहना था कि योगी सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत और एससी वर्ग को 21आरक्षण नहीं दिया है। इसमें धांधली करते हुए 15 हजार नौकरियां दूसरे वर्ग के लोगों को देने की कोशिश हुई है।
प्रदर्शनकारी इससे पहले सीएम कार्यालय, शिक्षा मंत्री का आवास, बीजेपी कार्यालय, शिक्षा निदेशालय समेत तमाम जगहों पर प्रदर्शन कर चुके हैं। दो महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन अभी तक मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। सरकार ने 24 हजार सीट के लिए बहाली निकाली थी, लेकिन उसमें से महज 6800 सीट ही आरक्षण अभ्यर्थियों को दी गई है।
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अभ्यर्थियों की मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में जितने भी अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई है उन सभी अभ्यर्थियों को समायोजित किया जाए।
अभ्यर्थियों की मांगें-
– 69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी को 27 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 3.86 प्रतिशत आरक्षण क्यों?
– भर्ती में दलित वर्ग को 21 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 16.6 प्रतिशत आरक्षण क्यों?
– आरक्षण नियमावली बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश 1994 का सही ढंग से पालन नहीं हुआ।
– नियमावली का सही से पालन न होने से 15000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी वंचित हो गए।
– संविधान से मिले आरक्षण के अधिकार 27 प्रतिशत और 21 प्रतिशत को पूरी तरह से लागू किया जाए।