आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के सभागार में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण और मेरठ मंडल की कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा। इस दौरान योगी ने नशे के खिलाफ चलाये जा रहे प्रदेशव्यापी अभियान में विश्वविद्यालयों को भी जोड़ने की बात कही। सीएम ने विश्वविद्यालयों से अपने यहां नशे के खिलाफ इंटरनल टीम के गठन की बात कही।
सीएम ने बैठक में मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में तेजी और सख्ती लाने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के आसपास मंडराने वाले संदिग्ध लोगों की जांच-पड़ताल की जाए। विद्यार्थियों को अवैध नशे के दलदल में झोंकने वाले तत्वों को गिरफ्तार करते हुए उनकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों में रिहैबिलेशन सेंटरों की स्थापना करने के भी निर्देश दिये।
बैठक में प्रमुख रूप से नोएडा विधायक पंकज सिंह, दादरी विधायक तेजपाल नागर, जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह, एमएलसी श्री चंद शर्मा, मंडलायुक्त मेरठ सेल्वा कुमारी जे, पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, सीईओ नोएडा प्राधिकरण लोकेश एम, सीईओ यीडा अरुणवीर सिंह और सीईओ ग्रेटर नोएडा रवि कुमार एनजी भी मौजूद रहे।
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सेफ सिटी के अंतर्गत लगाये जा रहे सीसीटीवी की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। साथ ही कंट्रोल रूम बनाकर सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही सभी प्राधिकरणों को जनता और जनप्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद स्थापित करने की बात कही। उन्होंने प्राधिकरणों के मास्टर प्लान समय से शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
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इसके अलावा अवैध कब्जों को हटाने के लिए ठोस प्लान तैयार करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने आईजीआरएस और राजस्व से संबंधित मामलों को समय से निस्तारित करने के सख्त निर्देश दिये। साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा बताई गई समस्याओं को भी गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से निस्तारित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।