आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य के मूल निवासी रहे शहीद सैनिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इनको समूह सी तथा डी में नियुक्ति प्रदान की गई है। इस मौके पर योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने सैनिक और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। साथ ही कहा कि सैनिक और उनके आश्रितों के प्रति सरकार संवेदनशील है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले शहीद सैनिकों को आश्रितों को शासकीय सेवा में सेवायोजित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं था। हमने 30 जनवरी 2018 की कैबिनेट बैठक में ये फैसला किया और परिवार की परिभाषा को व्यापकता दिया गया। उन्होंने कहा कि मार्च 2017 से पहले प्रदेश में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी। हमारी सरकार ने शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने का निर्णय लिया। पिछले वर्ष छह और अब 11 आश्रितों को नौकरी दी गई है।
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सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 19 मार्च 2018 के शासनादेश द्वारा शहीद सैनिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दिए जाने का निर्णय लिया था। उसी क्रम में आज दूसरी बार शहीद सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति पत्र वितरित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मातृभूमि के लिए अपूर्व शौर्यपूर्ण पराक्रम दिखाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देकर देश को सुरक्षित करने वाले भारत माता के सभी सपूतों को नमन करता हूं।
वहीं सीएम ने अलीगढ़ के शहीद दलवीर सिंह की पत्नी पिंकी, बागपत के शहीद प्रदीप कुमार की पत्नी नीतू, बरेली के शहीद चंद्रभान की पत्नी पंकज, एटा के शहीद राजेश कुमार की पत्नी श्वेता यादव, गाजीपुर के शहीद विजय यादव के भाई बलवीर सिंह, मथुरा के शहीद पंकज कुमार की पत्नी मेघा चौधरी, मथुरा के शहीद पुष्पेंद्र सिंह की पत्नी सुधा, मथुरा के शहीद रोहिताश कुमार के भाई भगवान सिंह, मथुरा के शहीद नेम सिंह की पत्नी सीमा देवी, मेरठ के शहीद अजय कुमार की पत्नी प्रियंका और वाराणसी के शहीद विशाल कुमार पांडेय की पत्नी माधवी पांडेय को नियुक्ति पत्र सौंपा। इस मौके पर मंत्री रमापति शास्त्री, चेतन चौहान और गिरीराज सिंह धर्मेश मौजूद रहे।