आरयू वेब टीम। दिल्ली हाई कोर्ट से गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति और उनकी सेवा में एक साल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर पद पर गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने तथा सुनवाई पूरी होने के बाद 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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याचिका पर सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय ने हलफनामे के जरिए दाखिल अपने जवाब में कहा था कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति कानून और परंपराओं के दायरे में की गई है तथा इस मामले में किसी भी तरह से कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है। हलफनामे में कहा गया कि अस्थाना की नियुक्ति का फैसला उनके लंबे अनुभवों को देखते हुए दिल्ली में कानून व्यवस्था की वर्तमान चुनौतियों के कारण किया गया है।
वकील सदरे आलम ने अस्थाना के सेवा विस्तार एवं पुलिस आयुक्त के पद पर उनकी नियुक्ति को नियमों के कानून के विरुद्ध बताते हुए उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी मामले में सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी, जिन्होंने इससे पहले श्री अस्थाना की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।