कोरोना की दस्‍तक से एलडीए में दहशत, संक्रमण रोकने के लिए कराई जाएगी अफसर-कर्मचारियों की जांच

सिंगल टेबल क्लीयरेंस डे

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। हाल के दिनों में कोरोना वायरस के एक के बाद एक तीन मामले मिलने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण में दहशत का माहौल है। तीन सहकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अपने ही विभाग में खुद को असु‍रक्षित समझ रहे एलडीए कर्मचारियों को कोरोना का डर सता रहा। वहीं मातहतों पर मंडरा रहें खतरे को देखते हुए व एलडीए में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एलडीए उपाध्‍यक्ष ने अफसर व कर्मचारियों कि कोरोना जांच कराने की बात कही है।

बताते चलें कि बीते करीब एक हफ्ते से एलडीए के तीन कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। राजधानी लखनऊ में कोरोना का संक्रमण काफी फैलने के बाद भी इससे अछूते रहे एलडीए के ट्रस्ट अनुभाग के अमीन को लगभग एक हफ्ता पहले कोरोना हुआ था। पहला संक्रमित मिलने के हफ्ते भर के अंदर ही सचिव कैंप व सीटीपी कैंप के भी एक-एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिलें तो हड़कंप मच गया। जिसके बाद डिप्‍लोमा इंजीनियर्स संघ व एलडीए कर्मचारी संघ ने भी कोरोना जांच की मांग उठाई है।

एलडीए कार्यालय में आवंटियों का प्रवेश बंद करने की तैयारी

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए कार्यालय की बिल्डिंग में जनता के प्रवेश प्रतिबंधित करने की तैयारी एलडीए ने शुरू कर दी है। अब काम के सिलसिले में एलडीए आने वाले आवंटियों से कार्यालय के गेट नंबर दो के पास स्थित पराग बूथ में प्रार्थना पत्र लेने के साथ निस्‍तारण होने की तारीख बताई जाएगी। इसके लिए वहां कर्मचारी मौजूद रहेंगे, जबकि आवश्‍यकता पड़ने पर बूथ से ही जनता की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए संबंधित अफसरों से वार्ता कराई जाएगी। इसके अलावा रजिस्‍ट्री व डीड हस्‍ताक्षर कराने वाले आवंटी अधिकारियों से मिल सकेंगे। उम्‍मीद है कि दो से तीन दिन में यह व्‍यवस्‍था शुरू हो जाएगी।

जनता से कर्मचारी मिले, दलाल व रसूखदारों के लिए खुला ‘साहब का दरबार’

वहीं इन सबके बीच कोरोना का डर दिखाकर एलडीए के चर्चित अफसर व इंजीनियर फरियाद लेकर आयी जनता को फिलहाल टरकाने की अब तक पूरी कोशिश कर रहें हैं। सूत्रों के अनुसार इन अधिकारियों के कमरें में दलाल, ठेकेदार व रसूखदार आराम से न सिर्फ इंट्री पा रहें, बल्कि लंबी बैठकें भी चल रहीं हैं, जबकि परेशान आवंटियों को अपनी फरियाद करामाती अफसरों के कर्मचारियों के सामने ही सुनाकर लौटना पड़ रहा। ऐसे हालात तब हैं, जब पिछले महीने ही एलडीए में अफसरों की शह पर प्‍लॉटों की खरीद-बिक्री कराने वाला एक व्‍यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जा चुका है।

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रात तक बैठने वाले अधिकारी भी बनें सिरदर्द

एक ओर जहां कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोग सावधानी बरते रहें, वहीं दूसरी तरफ एलडीए में अब भी कुछ अफसर व इंजीनियर रात तक कार्यालय में बैठकर अपने ही मातहतों के लिए परेशानी बढ़ा रहें हैं। कार्रवाई के डर से दबी जबान में पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि रात आठ-नौ बजे कार्यालय से छूटने के बाद उन लोगों को सबसे ज्‍याद दिक्‍कत होती है, जिनका घर काफी दूर है। ऐसे में घर पहुंचने पर काफी देर हो जाती है और बदलते मौसम में रात में नहाने से तबियत बिगड़ने का खतरा बना रहता है।

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अफसर काफी हद तक सुरक्षित, कुछ असुरक्षित भी…

वहीं एलडीए में अधिकतर अफसरों ने अपनी चेयर पावर और समझ के हिसाब से कोरोना से बचने का उपाय किया है। किसी ने अपने कमरे के बाहर सैनिटाइजर मशीन लगवाने और टेबल के आगे ग्‍लास वॉल लगाने का इंतजाम किया है, तो कोई शीशे की पूरी कोबिन ही बनवा कर बैठ रहा। अधिकारियों का प्रबंध देख कर्मचारियों में चर्चा है कि “साहब हमें भी हो सकता है कोरोना”। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह दर्द सिर्फ कर्मचारियों का ही है, कुछ अधिकारियों व इंजीनियरों की मांग के बावजूद कोरोना से बचाव के लिए उन्‍हें अन्‍य अफसरों की तरह सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।

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कोरोना से बचाव के हर संभव प्रबंध लगातार किए जा रहें हैं। हाल के दिनों में कोरोना से संक्रमित कुछ कर्मचारी मिलें हैं। इसको देखते हुए जल्‍द ही कर्मचारी व अधिकारियों का कोरोना टेस्‍ट कराया जाएगा।

शिवाकांत द्विवेदी, एलडीए उपाध्‍यक्ष

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