आरयू वेब टीम। कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।’’ अब यह देखना बहुत जरूरी हो गया है कि गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कैसे आत्मनिर्भर बनें, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने, अब ये बहुत आवश्यक हो गया है। कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। इस संकट में गांव देहात से प्ररेणादायी बातें सामने आयी हैं।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके पर देश के ग्राम पंचायतों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद के दौरान कही। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने एकीकृत ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ किया। एकीकृत पोर्टल पंचायती राज मंत्रालय की एक नई पहल है जो ग्राम पंचायतों को अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना को तैयार करने और कार्यान्वित करने में मदद करती है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सम्मान और अवॉर्ड पाने वाले सरपंचों को बधाई दी।
वहीं पीएम मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से कहा कि आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। मोदी ने कहा कि इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन दो-तीन महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय उनसे टकरा रहा है।
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इस अवसर पर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का भी शुभारंभ किया। यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्यों के पंचायती राज विभाग, राज्य राजस्व विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से नवीनतम सर्वेक्षण विधियों द्वारा का ग्रामीण क्षेत्रों में रिहाईशी भूमि के सीमांकन के लिए एकीकृत संपत्ति सत्यापन का रास्ता प्रदान करती है।
हर साल की तरह इस बार भी पंचायती राज मंत्रालय, सेवाओं और सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण में सुधार के लिए बेहतर काम करने वाले पंचायत को पुरस्कृत किया। इस वर्ष भी तीन तरह के पुरूस्कार दिए गए। नानाजी देशमुख गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, बाल-सुलभ ग्राम पंचायत पुरस्कार और ग्राम पंचायत विकास पुरस्कार राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी पीएम मोदी की सरपंचों के साथ चर्चा में मौजूद रहे।