आरयू वेब टीम। सीबीआइ की विशेष अदालत ने सोमवार को उन्नाव गैंगरेप मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है। 30 हजारी कोर्ट ने सेंगर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के सेक्शन 5(c) के तहत यानी पाक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया है। साथ ही कोर्ट ने शशि सिंह को बरी कर दिया। सेंगर पर अपहरण और हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। ट्रांसफर होने के बाद पांच अगस्त से रोजाना इस मामले की सुनवाई हो रही थी। 17 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर बहस होगी। कुलदीप सिंह सेंगर को रेप(376) और पॉक्सो एक्ट में दोषी ठहराया है। अभी तीन और मामलों में दिल्ली की विशेष सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।
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कोर्ट ने कहा कि पीड़िता वारदात के समय नाबालिग थी। उसके साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ। पीड़िता डरी हुई थी और उसके परिवार को जान का खतरा था। वो पावरफुल पर्सन से लड़ रही थी। पीड़ित के परिवार पर फर्जी केस लगाए गए। सीबीआइ ने गैंगरेप केस में चार्जशीट पेश करने में एक साल लगा दिया। सीबीआइ पर भी जज ने सवाल खड़े किए। सीबीआइ ने पीड़िता को बयान दर्ज करने के लिए कई बार बुलाया, जबकि सीबीआइ को पीड़िता के पास जाना चाहिए था।
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मालूम हो कि सेंगर पर महिला को 2017 में अपहरण और फिर बलात्कार करने के आरोप थे, जिसे कोर्ट ने सही माना है। करीब ढाई साल तक यह मामला चला। पीड़िता फिलहाल एम्स में भर्ती है। उसके पिता-चाची-मौसी की मौत हो चुकी है, जबकि चाचा जेल में हैं।