आरयू ब्यूरो, लखनऊ/मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खान सोमवार को मुरादाबाद की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्होंने अपने ऊपर साल 2020 में कोर्ट की अवहेलना में दर्ज मामले में सफाई दी। साथ ही आजम खान ने कहा कि उन्हें प्रॉपर तरीके में सूचना नहीं मिली थी, इसलिए वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके थे। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 फरवरी को करने का आदेश दिया है।
इसी मामले में आज आजम खान की पेशी हुई थी, जिसमें उन्हें अपना पक्ष रखना था। 2008 में छजलेट थाने में दर्ज हुए मूल मुकदमे की सुनवाई अदालत में पहले ही पूरी हो चुकी है और कोर्ट इस मामले में 13 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगी, लेकिन इसी मुकदमे से जुड़े कोर्ट की अवहेलना के मामले की सुनवाई अब 20 फरवरी को होगी।
वहीं अदालत से बाहर निकलते वक्त जब मीडियाकर्मियों ने आजम खान से बात करने की कोशिश की तो आजम खान काफी देर तक खड़े रहे, लेकिन पत्रकारों के सवालों का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि इशारों में उन्होंने अपने मुंह और कानों पर हाथ रखकर यह जताने की कोशिश की कि वो ना बोल सकते हैं और ना सुन सकते हैं।
आज आजम खान पत्रकारों के सवालों पर मौन क्यों हुए क्यों उन्होंने इशारों में कहा कि जुबान पर ताला है और कानों से सुनाई नहीं देता। अब आजम खान ने इस अंदाज में बयान क्यों दिया, ये तो वहीं जान सकते हैं, लेकिन अदालत में बयान दर्ज कराने के बाद वो यहां से सीधे रामपुर के लिए रवाना हो गए।
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दरअसल, आजम खान पर साल 2008 में मुरादाबाद के छजलेट थाने में रोड जाम करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और बलवा करने के आरोप में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। आजम खान पर आरोप है कि वह बार-बार बुलाए जाने के बाद भी अदालत में हाजिर नहीं हो रहे थे, इसलिए साल 2020 में उन पर अदालत की अवहेलना का एक और मुकदमा दर्ज कर लिया गया।