आरयू वेब टीम। भारतीय टीम क मशहूर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान शुक्रवार को कर दिया है। हरभजन सिंह ने 350 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। पंजाब के जालंधर में जन्मे हरभजन सिंह के रिटायरमेंट के पीछे मुख्य कारण उन उम्र है। हरभजन की उम्र अब 41 साल हो चुकी है और इस उम्र को क्रिकेट के खेल में काफी माना जाता है। दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि वे किसी फ्रेंचाइजी के सपोर्ट स्टाफ के तौर पर आइपीएल में शामिल हो सकते हैं।
इस बारे में हरभजन सिंह ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा, सभी अच्छी चीजें खत्म हो जाती हैं और आज जब मैं उस खेल से विदा लेता हूं। इस खेल ने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस 23 साल की लंबी यात्रा को सुंदर और यादगार बनाया।
वहीं हरभजन ने यूट्यूब पर वीडियो जारी कर कहा- जालंधर की तंग गलियों से टीम इंडिया के टर्बनेटर का पिछले 25 साल (23 साल) का सफर बहुत ही खुबसूरत रहा है। जब भी मैं इंडिया की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरा हूं उससे बड़ी प्रेरणा मेरे लिए जिंदगी में कुछ और नहीं है।
दूसरी ओर आने वाले कुछ माह में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाली है। ऐसे में यह भी सुगबुगाहट है कि हरभजन सिंह राजनीति में भी शामिल हो सकते हैं। बीते दिनों यह भी खबर आई थी कि हरभजन सिंह कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ सकते हैं।
वहीं हरभजन सिंह के करियर की बात करें तो मार्च 1998 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। वह चेन्नई के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेलने आए थे। 2015 तक उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट लिए हैं, वहीं 236 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 269 विकेट लिए हैं। 28 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनके नाम पर 25 विकेट हैं। साथ ही टेस्ट क्रिकेट में दो शतकों के साथ 2225 रन बनाने में सफल रहे हैं, इसके अलावा वनडे क्रिकेट की बाते की जाए तो हरभजन सिंह ने 1237 रन बनाए हैं।
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आपको बता दें कि क्रिकेट जगत में भज्जी के नाम से मशहूर हरभजन सिंह ने अपना आखिरी मैच इसी साल अप्रैल में खेला था, जब उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आइपीएल खेला था। वहीं मार्च 2016 में इंटरनेशनल क्रिकेट में आखिरी मैच खेला था।
इसके अलावा टी-20 इंटरनेशनल मैच में वह यूएई के खिलाफ ढाका के शेर-ए-बांग्ला क्रिकेट स्टेडियम में उतरे थे और इसके बाद से ही हरभजन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका नहीं मिला था। हरभजन दो वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। हरभजन 2007 में टी20 और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे।