आरयू इंटरनेशनल डेस्क। उत्तर कोरिया के साथ लगातार तनाव झेल रहे दक्षिण कोरिया के सिर पर अब चीन और रूस की ओर से भी मुसीबतों की तलवार लटक रही है। दक्षिण कोरिया के हवाई रक्षा क्षेत्र में चीन और रूस के लड़ाकू विमान घुसने से अब इन दोनों देशों के साथ भी तनाव बढ़ने के आसार हैं। इसे लेकर दक्षिण कोरियाई सेना ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
उत्तर कोरिया सभी अंतरराष्ट्रीय दबावों को दरकिनार कर लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है, जिससे दक्षिण कोरिया परेशान है। अब चीन और रूस के लड़ाकू विमानों के बिना अनुमति दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा में प्रवेश किये जाने से तनाव बढ़ रहा है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के मुताबिक चीन के दो और रूस के छह लड़ाकू विमानों ने किसी प्रकार की पूर्व सूचना के बिना दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा में प्रवेश किया है।
उन्होंने बताया कि चीनी सेना के एच-6 बॉम्बर विमान भोर में पांच बजकर पचास मिनट पर दक्षिणी और उत्तर पूर्वी तटों से दक्षिण कोरिया के हवाई रक्षा क्षेत्र में घुसे और बाहर निकल गए। इसके कुछ घंटे बाद इन विमानों के साथ रूस के लड़ाकू विमान भी शामिल हो गए। रूस के टीयू-95 बॉम्बर और एसयू-35 लड़ाकू जेट सहित छह लड़ाकू विमान जापान सागर से दक्षिण कोरियाई रक्षा क्षेत्र में फिर से दाखिल हुए।
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उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे के जवाब में सालों बाद दक्षिण कोरिया और अमेरिका का सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू होने के बाद यह घटना हुई है। इस सैन्य अभ्यास में लड़ाकू विमानों के साथ युद्धपोत, टैंक समेत हजारों सैनिक शामिल किये गए हैं। हाल के वर्षों में रूसी और चीनी युद्धक विमानों ने अक्सर दक्षिण कोरिया के वायु रक्षा पहचान क्षेत्रों में प्रवेश किया है, क्योंकि वे अमेरिका के साथ अपनी तीव्र प्रतिस्पर्धा के बीच ताकत का प्रदर्शन करते हैं।