आरयू ब्यूरो, लखनऊ। एनआरसी व सीएबी के मुद्दे साथ ही दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी व अलीगढ़ की एएमयू में की गयी पुलिस की कार्रवाई को लेकर विपक्ष मोदी व योगी सरकार पर लगातार हमलावर होता दिख रहा है, इसी क्रम में मंगलवार से शुरू होने वाला यूपी विधानसभा सत्र भी जहां काफी हंगामे भरा होने तय माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सोमवार को यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधान भवन में सर्वदलीय बैठक कर कल से शुरू होने वाले विधान सभा के चतुर्थ सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया है।
विस अध्यक्ष ने सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि वह अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता एवं संसदीय मर्यादाओं के अंतर्गत रखें। उन्होंने आज नेताओं से कहा कि यूपी की जनता तमाम अपेक्षाओं के साथ विधान सभा की कार्यवाही देखती है। विधान सभा की कार्यवाही का जीवंत प्रसारण करने का निश्चय किया गया था। इसके प्रति जिज्ञासा भी बढ़ी है। यदि सुंदर बहस होती है तो विपक्ष की तरफ से वाद-विवाद, संवाद के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जाता है, इससे जनता को संतोष होता है। साथ ही उन्होंने आरोप-प्रत्यारोप व व्यक्तिगत आक्षेप से बचने की अपील की तथा सत्र को बिना अवरोध के चलाये जाने का दलीय नेताओं से आग्रह किया।
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बैठक में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हम सार्थक, रचनात्मक बहस, विचार-विमर्श को बढ़ावा के साथ अधिकतम चर्चा, अधिक से अधिक दिनों तक सदन की कार्यवाही चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के अलावा कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता आराधना मिश्रा मोना, बसपा विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा व सपा के नेता उज्जवल रमण सिंह एवं अन्य दलीय नेताओं ने अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया।
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बैठक के पहले आज कार्य-मंत्रणा की बैठक संपन्न हुयी। हृदय नारायण दीक्षित ने बताया की बैठक में 17 से 20 दिसंबर 2019 तक घोषित कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। 17 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2019-20 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों का प्रस्तुतीकरण एवं इसी दिन नियम- 103 के अंतर्गत सदन में प्रस्तुत चर्चाधीन प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी।
18 दिसंबर को निधन के निदेश लिए जाएंगे। 19 दिसंबर को द्वितीय अनुपूरक अनुदानो पर चर्चा, विचार एवं मतदान एवं विनियोग विधेयक का पुन: स्थापन, विचार एवं पारण होगा, जबकि 20 दिसंबर को अन्य मदों के साथ विधेयकों के प्रस्तुतीकरण व पारण का कार्य संपन्न होगा। साथ ही आवश्यकतानुसार कार्य मंत्रणा समिति पुनः बैठेगी।