आरयू वेब टीम। भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती के मौके पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना संकट काल में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोगों की सेवा की, कुछ कोरोना से संक्रमित हुए और कुछ की जान भी चली गई।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्से में पार्टी के कार्यकर्ता दिन-रात लोगों की सेवा में जुटे रहे। दीनदयाल जी ने ही भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति पर मुखरता से अपनी बात कही थी। जब आजाद भारत निर्माण के लिए विदेशी मॉडल को अपनाने पर जोर था, उस वक्त दीनदयाल जी ने भारत के स्वयं के मॉडल की बात कही थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे किसानों के पास जाकर सहज तरीके से कृषि बिल के बारे में उन्हें समझाएं।
वहीं कृषि बिल को लेकर मोदी ने कहा कि बीते दिनों में हमारी सरकार ने युवा और किसानों के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। पीएम ने कहा कि लोगों के जीवन में सरकार जितना कम दखल देगी, उतना बेहतर होगा। आजादी के कई साल बाद तक किसानों के नाम पर कई नारे लगे, लेकिन उनके नारे खोखले थे। अब कृषि बिल से छोटे किसानों को सबसे अधिक फायदा होगा। किसान अपनी मर्जी से कहीं पर भी फसल बेचे, जहां पर किसान को अधिक दाम मिलेगा, वो वहां बेच सकेगा। भाजपा के कार्यकर्ताओं को आसान भाषा में किसानों को समझाना होगा।
यह भी पढ़ें- फिट इंडिया मूवमेंट की पहली वर्षगांठ पर बोले प्रधानमंत्री, फिटनेस को लेकर देश में निरंतर बढ़ी जागरूकता
मोदी ने आगे कहा कि कुछ लोगों ने राष्ट्रहित के बजाय खुद के हित को सर्वोपरि रखा। किसानों को कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसकी वजह से वो अपनी फसल कहीं बेच नहीं पा रहा था। हमने एमएसपी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की। अबतक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक किसानों को दिए जा चुके हैं। पीएम ने कहा कि यूपीए सरकार ने सिर्फ 20 लाख करोड़ का ऋण किसानों को दिया था, लेकिन हमारी सरकार ने 35 लाख करोड़ से अधिक का लोन दिया।
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि किसानों की तरह मजदूरों के साथ भी वर्षों तक धोखा किया गया। अब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य के लिए काम किया गया है, दिहाड़ी के समय को निर्धारित किया गया है, नए कानून में पेंशन की बात भी है। साथ ही न्यूनतम वेतन को एक स्तर पर लाने की कोशिश है। अब महिला मजदूरों को भी समान मानदेय मिलेगा।