आरयू वेब टीम। दिल्ली में रह रहे एक हजार से अधिक रोहिंग्याओं को अब टेंट में रहने पर मजबूर नहीं होना पड़ेगा। उन्हें अब रहने के लिए पक्की छत वाले मकान मिलने वाले हैं। जल्द ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराते हुए ईडब्ल्यूएस फ्लैट मिलेंगे और इसके साथ ही दिल्ली पुलिस संरक्षण का भी इंतजाम करेगी। इस बात की पुष्टि मोदी सरकार के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की है।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को रोहिंग्या शरणार्थियों को नई दिल्ली में आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के फ्लैटों में स्थानांतरित करने के सरकार के फैसले की सराहना की। भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक निर्णय में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला क्षेत्र में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
टेंट में रहने वाले लगभग 1,100 रोहिंग्याओं को बुनियादी सुविधाओं और चौबीसों घंटे सुरक्षा से लैस फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्याओं के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के मुख्य सचिव ने की और इसमें दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
यह भी पढ़ें- भारत से हजारों रोहिंग्या मुसलमानों को केंद्र सरकार कर सकती है बाहर
जुलाई के अंतिम सप्ताह के दौरान हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था दिल्ली सरकार ने कहा था कि मदरपुर खादर में जहां रोहिंग्या रहते थे वहां आग लगने के बाद वह रोहिंग्याओं के टेंट के लिए हर महीने सात लाख रुपए खर्च करते हैं।
इन शरणार्थियों को अब बाहरी दिल्ली के बक्करवाला गांव में नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के कुल 250 फ्लैट हैं, जहां मदनपुर खादर शिविर में रह रहे सभी 1,100 रोहिंग्याओं को ठहराया जाएगा।
बैठक में दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए गए कि वो उस परिसर की सुरक्षा में तैनात होंगे। वहीं सोशल वेल्फेयर डिपार्टमेंट इन लोगों को उन फ्लैट्स में फैन, तीन समय खाना, लैंडलाइन फोन, टीवी, आदि चीजें उपलब्ध करवाएगा।