आरयू वेब टीम। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शुरु हुए बवाल में उत्तर पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को भी हिंसा जारी है। इस दौरान अब तक पुलिस कॉन्स्टेबल समेत 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो सौ से ज्यादा लोग घायल हैं। मंगलवार को भजनपुरा, मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाके में पत्थरबाजी और आगजनी हुई है। वहीं बिगड़ते हालात के मद्देनजर दिल्ली के प्रभावित इलाकों में दंगाईयों को देखते ही गोली मार देने क आदेश जारी कर दिए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक मंगलवार को भी यहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। लिहाजा नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के सभी स्कूल आज बंद रहें। आज सुबह-सुबह पांच मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया। देर रात से सुबह तक मौजपुर और उसके आस-पास इलाकों में आगजनी के 45 कॉल आए, जिसमें दमकल की एक गाड़ी पर पथराव किया गया, जबकि एक दमकल की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। तीन दमकलकर्मी घायल हुए है। भीड़ ने पथराव किया और बंद दुकानों में तोड़फोड़ की गई। सुरक्षा के मद्देनर जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है।
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यहां एक दिन पहले ही, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल समेत दस लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित मौजपुर सहित कई स्थानों पर धुआं निकलता देखा गया। दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर में सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था और इसमें करीब 150 लोग घायल हुए थे।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है, जिसके तहत चार या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठे होने पर रोक है। मौजपुर में इस हिंसा के साक्षी बने एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यहां दंगों जैसे स्थिति उन्होंने 35 साल में पहली बार देखी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा में हुई हिंसा में 48 पुलिस कर्मी ओर 98 नागरिक घायल हो गए। इस इलाके में आग बुझाने पहुंचे तीन दमकल कर्मी भी घायल हो गए।