आरयू वेब टीम। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस के अंदर से ही आवाज उठने लगी है। दिल्ली महिला कांग्रेस की चीफ शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी पार्टी के नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को दिल्ली चुनाव में बीजेपी की हार और आप की जीत पर उनके एक ट्वीट को लेकर सवाल उठाएं हैं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और पार्टी प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से पूछा है कि क्या हमने बीजेपी को हराने का ठेका आम आदमी पार्टी को दे दिया है? दिल्ली विधानसभा चुनाव के एक दिन बाद ही शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम से पूछा कि अगर कांग्रेस ने आउटसोर्स ही कर लिया है तो हमें अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए?
बुधवार को अपने ट्वीट में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने लिखा, ‘सम्मान के साथ, चिदंबरम सर मैं बस जानना चाहती हूं कि कांग्रेस ने राज्यों में बीजेपी को हराने का काम ठेके पर दे दिया है (आउटसोर्स किया है) क्या? अगर नहीं, तो फिर हम अपनी हार के बजाय आम आदमी पार्टी की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं? और अगर आउटसोर्स किया है तो हमें (पीसीसी) अपनी दुकान को बंद कर देना चाहिए।’
चिदंबरम ने किया था ये ट्वीट
इससे पहले पी चिदंबरम ने आम आदमी पार्टी की जीत पर ट्वीट कर खुशी का इजहार किया था। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘आम आदमी पार्टी की जीत हुई, बेवकूफ बनाने तथा फेंकने वालों की हार। दिल्ली के लोग, जो भारत के सभी हिस्सों से हैं, ने बीजेपी के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है। मैं दिल्ली के लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में अन्य राज्यों जहां चुनाव होंगे के लिए मिसाल पेश की है।’
यह भी पढ़ें- वोट देकर दिल्ली की जनता ने कहा, …लगो रहो केजरीवाल, ये है दस कारण जिसने देश की राजधानी में लहराया AAP का परचम
साथ ही चिदबंरम ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत को विपक्ष का हौसला बढ़ाने वाला परिणाम करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अगर मतदाता उन राज्यों के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां से वे आए थे, तो दिल्ली का मत विपक्ष के विश्वास बढ़ाने वाला है कि भाजपा को हर राज्य में हराया जा सकता है। दिल्ली का वोट राज्य विशेष के वोट की तुलना में अखिल भारतीय वोट है क्योंकि दिल्ली एक मिनी इंडिया है।’ चिदंबरम ने कहा, ‘याद कीजिए, जब दिल्ली में मतदान हुआ था तब लाखों मलयाली, तमिल, तेलुगु, बंगाली, गुजराती और भारत के अन्य राज्यों से आए लोगों ने मतदान किया था।’