जितनी आबादी, उतना हक की मांग कर राहुल ने पीएम मोदी से कहा, ‘दलित-आदिवासी व OBC को नहीं दिला सकते उनका हक तो हटें पीछे’

आरयू वेब टीम। कर्नाटक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खुद राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठा दिया। राहुल गांधी ने इस दौरान जितनी आबादी उतना हक का नारा भी दे दिया। साथ ही पीएम मोदी पर निशान साधते हुए कहा कि दलित, आदिवासी व ओबीसी को उनका हक नहीं दिला सकते तो पीछे हट जाएं। खोखली बात न करें।”

इस दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि वे 2011 की जाति जनगणना के आंकड़े जारी करें। राहुल ने कहा “मोदी सरकार में सिर्फ सात प्रतिशत सचिव ओबीसी, दलित समुदाय, आदिवासी समुदाय से आते हैं। इसलिए आप यूपीए सरकार में हुई जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करिए। अगर आप ये काम नहीं करते हैं तो ये ओबीसी का अपमान है?”

राहुल गांधी ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कोलार में कांग्रेस की ‘जय भारत’ चुनावी रैली में कहा कि संप्रग ने 2011 में जाति आधारित जनगणना की। इसमें सभी जातियों के आंकड़े हैं। प्रधानमंत्री जी, आप ओबीसी की बात करते हैं। उस डेटा को सार्वजनिक करें। देश को बताएं कि देश में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं। आंकड़ों को सार्वजनिक करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर सभी को देश के विकास का हिस्सा बनना है तो प्रत्येक समुदाय की आबादी का पता लगाना जरूरी है।

मोदी जी करें ये तीन काम

साथ ही राहुल ने आज कहा कि प्रधानमंत्री जी, वंचितों को खोखले शब्द नहीं, राजनीतिक और आर्थिक शक्ति की ज़रूरत है। उन्‍होंने पीएम से मांग करते हुए भी कहा कि तीन कदम उठाइए। 2011 की जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर, देश में ओबीसी कितने हैं बताइए, आरक्षण से 50 प्रतिशत कैप हटाइए। इसके अलावा दलितों, आदिवासियों को आबादी के अनुसार आरक्षण दीजिए।

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राहुल गांधी ने कहा कि कृप्‍या जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करें ताकि देश को पता चले कि ओबीसी, दलितों और आदिवासियों की जनसंख्या कितनी है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो यह ओबीसी का अपमान है। साथ ही, आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की सीमा को हटा दें। कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि सचिव भारत सरकार की रीढ़ होते हैं, लेकिन केंद्र सरकार में दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों से संबंध रखने वाले केवल सात प्रतिशत सचिव हैं।

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