आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। यूपी समेत देश भर में बेरोजगारी की समस्या पर रविवार को अखिलेश यादव ने मोदी और योगी सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने भाजपा सरकारों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिए युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन आज तक उसे पूरा नहीं किया।
अखिलेश ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाल इतना खराब हो चुका है कि जो नौजवान अपनी जायज मांग भी उठाते हैं, उनके प्रति शासन-प्रशासन का रवैया पूरी तरह से द्वेषपूर्ण रहता है। रोजगार की मांग करने पर उन्हें लाठी-गोली का शिकार होना पड़ रहा है। फर्जी मुकदमें लगाकर जेल भेजा जा रहा है। गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे बीपीएड अभ्यर्थियों पर लाठियां चलीं। सैकड़ों शिक्षामित्र और बेरोजगार नौजवान आत्महत्या कर चुके है।
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वहीं पीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वादा के अनुसार युवाओं को रोजगार देने की जगह उल्टे प्रधानमंत्री आंकड़ों के जरिए जनता को भटकाने का काम कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष ने तंज कसते हुए आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी ने रोजगार सृजन की एक नई शैली ईजाद की, उनके अनुसार साल 2017 में साढ़े सात लाख वाहन बिके उनमें यदि दो लाख का भी व्यवसायिक उपयोग हो तो प्रति गाड़ी दो व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा ही, यानी चार लाख को रोजगार बैठे-बिठाए मिल गया। यूपी के पूर्व सीएम ने आगे कहा कि इतना ही नहीं पीएम ने दावा किया है कि भाजपा सरकार में 12 करोड़ मुद्रा ऋण बांटे गए। इस हिसाब से देखा जाए तो देश में 12 करोड़ लोग नया रोजगार पा गए। उनके साथ और कर्मचारियों को भी जोड़ लें तो लगेगा देश में बेरोजगारी खात्मे पर हैं। इन आंकड़ों की भरोसा करना खुद को धोखा देने के बराबर है।
वहीं अखिलेश ने यूपी की पूर्व सपा सरकार के बारे में बात करते हुए आज मीडिया से कहा कि सपा सरकार ने जिन बेरोजगारों को रोजगार दिया था, वह भी उनसे छीना जा रहा है। लाखों बेरोजगार दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर हैं। बड़ी संख्या में शिक्षामित्र और नौजवान तंग आकर जान दे चुके हैं। जबकि सपा सरकार ने उर्दू मोअल्लिम, पुलिस-पीएसी, शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी, रसोइयां, आशा बहू, ग्राम विकास अधिकारी, प्राइमरी एवं माध्यमिक शिक्षकों की बड़े पैमाने पर भर्तियां की थी। भाजपा ने सत्ता में आने पर अधिकांश भर्तियां रोक दी।