आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लंबे समय से सरकार के प्राइमरी स्कूलों में खाली चल रहें शिक्षकों के पद के अलावा आज विधानसभा में शिक्षकों की भर्ती और शिक्षामित्रों का मुद्दा उठाया गया। विधानसभा में समाजवादी पार्टी के संजय गर्ग के सवाल उठाने पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा है कि योगी सरकार शिक्षा व शिक्षकों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है।
जल्द ही प्राइमरी विद्यालयों में शिक्षकों के खाली चल रहे 1.37 लाख पदों को भरा जाएगा। ये प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में 68,500 अभ्यर्थियों को रोजगार देते हुए शिक्षकों की भर्ती होगी। यह भर्ती जून तक पूरी हो जाएगी। उसके बाद दोबारा इतने ही पदों पर भर्ती की जाएगी।
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वहीं एक साथ भर्ती नहीं करने का कारण बताते हुए शिक्षा मंत्री ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को भर्ती के लिए दो अवसर देने का निर्देश दिया है। इसीलिए ऐसा किया जा रहा है।
इसके अलावा संजय गर्ग ने एक और प्रश्न किया, जिसमें पूछा गया कि क्या योगी सरकर शिक्षामित्रों को शिक्षकों के समान कार्य होने की वजह से समान सुविधाएं देंगी और टीईटी की अनिर्वायता समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी?
इस पर शिक्षा मंत्री साफ तौर पर कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षक से शिक्षामित्र के पद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया गया है। अभी सरकार की प्राथमिकता स्कूलों में खाली चल रहे पदों को भरना है।
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उन्होंने आगे दावा किया कि योगी सरकार शिक्षामित्रों के प्रति पूरी तरह से संवदेनशील है। योग्य शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर आने के लिए दो अवसर देने की व्यवस्था की गई है। साथ ही उन्हें उम्र सीमा में भी छूट दी गई है। यदि वे पास होंगे तो फिर शिक्षक बन जाएंगे। इतना ही नहीं सरकार ने उनका मानदेय 3500 से बढ़ाकर दस हजार भी किया है।
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