आरयू वेब टीम।
आज जम्मू कश्मीर में डीजीपी ने कश्मीर घाटी के युवाओं को यह सलाह दी है कि वह मुठभेड स्थलों पर न जाएं। पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने मीडिया से कहा कि मुठभेड में सुरक्षा बल एवं पुलिस भी खुद को गोलियों से बचाने के लिए बुलेटप्रूफ वाहन या किसी मकान का सहारा लेती है। ऐसे में मुठभेड स्थलों पर जा कर युवाओं का सुरक्षा बलों पर पथराव करना आत्महत्या करने जैसा है। ऐसे आत्महत्या करने वाले युवकों को इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहने को कहा है।
उन्होंने युवाओं से मुठभेड स्थलों पर नहीं आने की अपील करते हुए कहा कि घाटी में शांति विरोधी तत्व अपने लघुकालीन राजनीतिक हितों को साधने के लिए उन्हें गुमराह कर रहे हैं और उनका दुरुपयोग कर रहे हैं। वैद ने कहा गोली नहीं जानती कि वह किसे लगेगी। मेरी युवकों से अपील है कि उन्हें अपने घरों में रहना चाहिए और मुठभेड स्थलों पर नहीं जाना चाहिए। युवा खुद इस बात को समझें कि किस प्रकार राजनीतिक हितों को साधने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
डीजीपी ने कहना है कि दुश्मन युवाओं को भडकाने और उनका इस्तेमाल करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। ताकि युवा उनके बहकावे में आकर आतंकवादियों को मुक्त कराने में सुरक्षा बलों पर पथराव करें। जैसे घाटी में मुठभेड़ शुरु होती है।
वे करीब 300 वाट्सऐप ग्रुप सक्रिय कर देते हैं जिनमें से हर ग्रुप में 250 से अधिक सदस्य हैं. इसके अलावा वे फेसबुक जैसी अन्य सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट भी सक्रिय कर देते हैं। वे इनके जरिए युवकों को मुठभेड स्थलों पर पहुंचने और पथराव करने के लिए भडकाते हैं ताकि आतंकवादी घटनास्थल से बच कर भाग सकें।
वैद ने कहा कि इन वाट्सऐप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जा रही है और उन्हें चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं जांच के दौरान अकाउंट के बारे में पता चला है कि वे सीमा पार के हैं। इन सभी नंबरों पर नजर रखी जा रही है।