आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के समाप्त होने के बाद कश्मीर में आतंकवाद का खात्मा हो जाएगा और वह विकास के मार्ग पर अग्रसर होगा। मेरा दृढ़ता से यह मानना था कि अनुच्छेद 370 हटाया जाना चाहिए, इससे देश को कोई लाभ नहीं था।
उक्त बातें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू के दो साल के कार्यकाल पर आधारित एक किताब का विमोचन के दौरान कार्यक्रम में कही। गृह मंत्री आज चेन्नई पहुंचे, जहां पर उन्होंने कार्यक्रम के दौरान अनुच्छेद 370 का जिक्र किया। शाह ने कहा कि अभी-अभी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए सरकार ने धारा 370 से इस देश को मुक्ती दिलाई है।
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शाह ने उपराष्ट्रपति के बारें में कहा कि वेंकैया जी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता थे और 370 के खिलाफ आंदोलन चल रहा था। वेंकैया जी आंदोलन का हिस्सा थे। उसी वक्त एक कम्युनिस्ट प्रोफेसर ने पूछा कि आपने कश्मीर कभी देखा है क्या? कश्मीर नहीं देखा है तो क्यों आंदोलन करते हो? वेंकैया जी ने जवाब दिया कि एक आंख दूसरी आंख को दिखाई नहीं देती, एक आंख में दर्द होता है तो दूसरी आंख को भी तुरंत महसूस होता है।
इस दौरान उपराष्ट्रपति के व्यक्तिगत जीवन का वर्णन करते हुए कहा कि वेंकैया जी के जीवन में कई पड़ाव पर संघर्ष करते-करते यहां तक पहुंचे हैं। 17 महीने जेल में रहें उसके बाद भाजपा के कैडर में संगठन के जिले से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के कई पड़ाव वेंकैय जी ने सफलतापूर्वक पार किए हैं।
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गौरतलब है कि ‘लिसनिंग, लर्निंग एंड लीडिंग’ नाम की किताब में पिछले दो वर्षों के दौरान देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपराष्ट्रपति के 330 सार्वजनिक कार्यक्रमों की कुछ झलकियां हैं। नायडू ने उपराष्ट्रपति के तौर पर 330 सार्वजनिक कार्यक्रम किए और राज्यसभा के सभापित के तौर पर सदन की 123 से ज्यादा बैठकों की अध्यक्षता की है।