आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आए दिन भ्रष्टाचार की शिकायतों के सामने आने के बाद शनिवार को डीएम लखनऊ व प्रभारी उपाध्यक्ष एलडीए अभिषेक प्रकाश ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम ने आज दोपहर करीब दो घंटे तक एलडीए के सभी गेटों को पूरी तरह से बंद करवाकर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की टीम के साथ एलडीए का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान अर्जन अनुभाग में प्रापर्टी डीलर दिलीप सिंह बाफिला द्वारा कर्मचारी व अधिकारियों की मिलीभगत कर सरकारी फाइलों से छेड़छाड़ के मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए डीएम ने अर्जन के अनुभाग अधिकारी समेत दो अमीन व तीन चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को गोमतीनगर थाने भिजवा दिया।
जहां शनिवार रात तहसीलदार मोहम्मद असलम की तहरीर पर अर्जन के अनुभाग अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा दिलीप सिंह बाफिला के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 170, 420, 467, 468 व 120-बी के अलावा शासकीय गुप्त बात अधिनियम पांच के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। डीएम की इस कार्रवाई से एलडीए में दिनभर हड़कंप का माहौल रहा।
अनुभाग अधिकारी व अमीन को किया तत्काल निलंबित, कई को फटकारा
अर्जन विभाग में गड़बड़ी मिलने पर छह कर्मचारियों को थाने भिजवाने के बाद डीएम ने अर्जन के अनुभाग अधिकारी आनंद मिश्र व अमीन सत्येंद्र सिंह को जहां आज तत्काल निलंबित कर दिया। वहीं तहसीलदार समेत ट्रस्ट के अनुभाग अधिकारी, जानकीपुरम व अन्य योजनाओं को देखने वाले कई बाबूओं को फटकार लगाते हुए नियामानुसार काम करने की चेतावनी दी।
कंपनी को जारी किया नोटिस
वहीं अर्जन विभाग में आउटसोर्सिंग पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटर की भूमिका भी आज संदिग्ध मिली। डीएम के गड़बड़ी पकड़ने के बाद ऑपरेटर उपलब्ध कराने वाली मेसर्स शान कम्प्यूटर को भी एलडीए ने नोटिस जारी की है।
निरीक्षण के दौरान गायब मिलें 91 अधिकारी-कर्मचारी
वहीं डीएम के निरीक्षण के दौरान आज एलडीए के संयुक्त सचिव व नायाब तहसीलदार समेत 91 अधिकारी व कर्मचारी गायब मिलें। डीएम ने जहां इन सभी से दो दिनों में स्पष्टिकरण देने को कहा है। वहीं प्रभारी अधिकारी अधिष्ठान राजीव कुमार सिंह को भी डीएम ने फटकार लगाते हुए स्पष्टिकरण देने को कहा है कि आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी एलडीए से क्या गायब हैं। डीएम के अनुसार स्पष्टिकरण संतोषजनक नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।
लगाना होगा नाम, पदनाम व मोबाइल नंबर
वहीं डीएम ने आज भू-माफियाओं व दलालों को एलडीए के सिस्टम में घुसपैठ से रोक लगाने के लिए भी निर्देश जारी किया है। अब एलडीए के सभी कर्मचारी व अधिकारियों को अपनी सीट के पास अपना नाम के अलावा पदनाम व मोबाइल नंबर की प्लेट लगानी होगी। जिससे कि बाहर लोगों व एलडीए के कर्मचारियों के बीच न सिर्फ आसानी से फर्क समझ आए, बल्कि आवंटी भी आसानी से संबंधित कर्मचारी व अधिकारी से संपर्क कर सकें।
हर फ्लोर पर तैनात होगा सुरक्षाकर्मी
साथ ही अवांछनिय तत्वों को रोकने के लिए अब एलडीए भवन के सभी तलों के प्रवेश द्वारा पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। परिसर में प्रवेश करने वालों से भी पूछताछ की जाएगी।
दो दिन में चालू किए जाएं सभी कैमरे, एक महीने तक रखनी होगी रिकॉर्डिंग
वहीं एलडीए की नई व पुरानी बिल्डिंग में लगे करीब डेढ़ सौ सीसीटीवी कैमरों की जांच करा कर सभी को चालू रखने का निर्देश भी इंजीनियरों को दिया है। इन कैमरों की रिकॉर्डिंग भी एक महीने तक सुरक्षित रखी जाएगी, जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर इनकी जांच हो सके।
सभी अधिकारी-कर्मचारियों को लगानी होगी बॉयोमैट्रिक हाजिरी
आज के निरीक्षण में बड़ी संख्या में अधिकारी व कर्मचारियों के गायब मिलने की जानकारी सामने आने के बाद डीएम ने सभी अधिकारी व कर्मचारियों को रजिस्टर के साथ ही बॉयोमैट्रिक हाजिरी लगाना भी अनिवार्य कर दिया है।
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इसके अलावा निरीक्षण के दौरान जहां-तहां फाइलों के गलत तरीके से किए गए रख-रखाव को लेकर भी डीएम ने नाराजगी जताते हुए उन्हें ठीक तरह से रखने की चेतावनी संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को दी है।
अनुभाग अधिकारियों को समीक्षा कर देनी होगी डीएम को रिपोर्ट
एलडीए की व्यवस्था पटरी से न उतरे इसके लिए भी डीएम ने आज विशेष निर्देश जारी किए। निर्देशों के अनुसार अब एलडीए के सभी अनुभाग अधिकारियों को अपने अनुभाग की समीक्षा करते हुए डीएम को रिपोर्ट देनी होगी, ऐसा नहीं करने या फिर अनुभाग में गड़बड़ी पाए जाने पर अनुभागाध्यक्ष पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी।
डीएम की कार्रवाई ने बढ़ा दी कमीशनखोर व भ्रष्ट अफसर, इंजीनियर व कर्मचारियों की धड़कन
जिलाधिकारी की आज की कार्रवाई ने जहां एलडीए में फर्जी समायोजन करने वाले, अवैध निर्माण का ठेका लेने वाले व टेंडर मैनेज कर अपने चहेते ठेकेदारों से कमीशन वसूल करने समेत तमाम तरीके से भ्रष्टाचार करने वाले एलडीए के अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारियों की बेचैनी बड़ा दी है।
मुकदमें को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी
वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी द्वारा कर्मचारियों पर कराए गए मुकदमें को लेकर एलडीए के कर्मियों में नाराजगी भी है। अपनी साहकर्मियों के सकुशल छूटने की आस में शनिवार रात तक गोमतीनगर थाने के बाहर जुटे कर्मचारियों का कहना था कि बिना विधिवत जांच किए किसी पर मुकदमा दर्ज कराना उचित नहीं है, पकड़े गए कर्मचारियों में निर्दोष भी शमिल हैं।
हालांकि देर रात पूछताछ करने के बाद सभी छह कर्मचारियों को थाने से ही छोड़ दिया गया। इंस्पेक्टर गोमतीनगर धीरज कुमार ने बताया कि मुकदमे में एलडीए की ओर से सिर्फ दिलीप सिंह बाफिला को ही नामजद किया गया था, जबकि किसी भी कर्मचारी का नाम नहीं था, इसलिए पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया।