गो पालकों को राहत के लिए दस रुपए लीटर गोमूत्र और पांच रुपए किलो गोबर खरीदेगी योगी सरकार, आश्रम में लगेगा प्‍लांट

गोबर
आश्रम में गौसेवा करते कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। दिनोंदिन बढ़ती छुट्टा पशुओं से समस्‍याओं का समाधान निकालने के साथ ही गो पालकों को योगी सरकार ने राहत देने का मन बना लिया है। मंगलवार को इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने अपने विभाग द्वारा गो मूत्र और गोबर खरीदने का ऐलान किया। साथ ही उन्‍होंने पशुओं को छुट्टा नहीं छोड़ने की भी गौपालाकों से अपील की है।

आज सत्‍यदेव पचौरी मीसा गांव (सुल्तानपुर रोड) स्थित देवरहा बाबा आश्रम में संचालित नारायण गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे थे। गौशाला के निरीक्षण के बाद सत्‍यदेव चौधरी ने घोषणा करते हुए कहा कि आश्रम में गो  संरक्षण के लिए गो मूत्र और गोबर से बनने वाले विभिन्न उत्पादों के लिए प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट में अमीनो एसिड, जैविक खाद सहित अन्य उत्पाद तैयार किए जायेंगे। इससे गो पालकों को प्रति गाय के हिसाब से 100 रुपये प्रतिदिन आय होगी। प्लांट लगाने का जिम्मा हरित खादी का होगा।

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गाय के महत्‍व पर बात करते हुए कैबिनेट मंत्री बोले कि गाय को केवल दुग्ध उत्पादन करने के रूप में ही नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उसका सही रूप में मूल्यांकन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोबर गैस के सिलिंडर बनने से महिलाओं को लकड़ी के धुएं से मुक्ति मिलेगी। साथ ही खादी एवं ग्रामोद्योग पांच रुपये किलो गोबर व दस रुपये प्रति लीटर के हिसाब से गो मूत्र खरीदेगा। गो मूत्र से अमीनो एसिड बनाया जायेगा, जो बाजार में 150 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे गायों को खुला न छोड़ें, बल्कि उनके गो मूत्र एवं गोबर का उपयोग कर अपनी आय में वृद्धि करते हुए सामाजिक जिम्‍मेदारी भी निभायें।

कैबिनेट मंत्री ने आज जैविक खाद के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि खेती में गोबर की जगह रासायनिक खाद के उपयोग से प्रतिदिन लोगों को नई-नई बीमारियां हो रही हैं। सरकार खेती को वैज्ञानिक तरीके से जोड़ने पर विशेष महत्व दे रही है। उन्होंने कहा कि इस आश्रम में सोलर चर्खें का प्रशिक्षण केंद्र जल्‍द ही स्थापित कर दिया जाएगा। केंद्र शुरू हो जाने पर महिलाओं को रोजगार के व्यापक अवसर सुलभ हो सकेंगे।

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ग्रामोद्योग मंत्री ने आगे कहा कि ग्रामोद्योग संस्थाओं ने परंपरागत उद्योगों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसीलिए अब ओडीओपी के माध्यम से गांव के उद्योगों का गांव में ही विकास किया जा रहा है। परंपरागत उद्योगों के विकास से गांव के विकास में नई क्रांति आएगी।

इस दौरान नारायण गौशाला द्वारा गोबर एवं गो मूत्र से तैयार विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। खादी मंत्री ने इन उत्पादों का अवलोकन करते हुए और गौशाला के पदाधिकारियों की प्रशांसा की। साथ ही आश्रम में सत्‍यदेव पचौरी ने गौ सेवा भी की। इस मौके पर पैक्सफेड के अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, नारायण गौशाला के संरक्षक ऋषिकेश पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में आश्रम के पदाधिकारी एवं खादी तथा ग्रामोद्योग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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