आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत 60 लाख रुपये की बैंक जमा राशि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को अस्थायी रूप से कुर्क की है। ईडी ने एक बयान में बताया कि गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की जमा धनराशि को कुर्क करने के लिए धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आदेश जारी किया गया है।
संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि 60 लाख रुपये की धनराशि ‘बालाजी कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड’ के बैंक खाते में रखी हुई है। ये मुंबई के वडाला में ‘वर्टू’ नामक एक रियल एस्टेट (मकान/भवन) परियोजना में एक फ्लैट की बुकिंग राशि थी और इसे बिल्डर (बालाजी कॉरपोरेशन) ने अपने पास रख लिया था। पूर्व मंत्री या उनके परिवार की ओर से इस संबंध में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
ईडी के अनुसार गायत्री प्रजापति ने उत्तर प्रदेश का खनन मंत्री रहने के दौरान अपने पद का ‘दुरुपयोग’ किया और अपनी आय के स्रोत से ‘अधिक’ संपत्ति अर्जित कर उसे अपने परिवार के सदस्यों और अन्य करीबी सहयोगियों और मित्रों के नाम कर दिया। ये संपत्ति इन लोगों की आय के ज्ञात स्रोतों के ‘अनुरूप’ नहीं थी।
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ईडी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार में गायत्री प्रजापति के मंत्री रहने के दौरान विभिन्न निकायों और कई ‘काल्पनिक’ और ‘फर्जी’ लेन-देन के माध्यम से जो काली कमाई अर्जित की गयी उसे उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने सफेद किया। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि गायत्री प्रजापति ने अवैध रूप से जो कमाई की उसे अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में भी जमा किया। ईडी ने इस मामले में पहले 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी। गायत्री प्रजापति और उनके परिवार के खिलाफ धनशोधन का मामला उत्तर प्रदेश सतर्कता विभाग की एक प्राथमिकी पर आधारित है।