आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) सुनील कुमार यादव को समाज कल्याण निदेशक ने बुधवार को निलंबित कर दिया है। वहीं एडीओ सुनील यादव समेत विवाह में फर्जी तरीके से दुल्हन बनने वाली आठ युवतियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। फर्जीवाड़ा का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने इसे गंभीरता से लेते हुए आरोपितों के खिलाफ यह कार्रवाई कराई है।
यह भी पढ़ें- CM योगी का जनता को निमंत्रण, दर्शन करने आइए अयोध्या, जनप्रतिनिधि उठाएंगे सारा खर्च
बताते चलें कि बीती 25 जनवरी को बलिया जिले में हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में आठ युवतियों की फर्जी तरीके से शादी करा दी गयी थीं। असीम अरुण ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कराई थी, जिसके बाद सच्चाई सामने आने पर एडीओ सुनील यादव के अलावा फर्जी दुल्हन बनने वालीं आठ युवतियों के खिलाफ भी बलिया में धारा 419, 420 और 409 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।
जिनकी हो चुकी थी शादी, उनको किया शामिल
जांच में यह भी सामने आया कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सुनील कुमार ने फर्जी तरह से ग्राम पंचायत मानिकपुर से अर्चना, रंजना, सुमन और ग्राम पंचायत सुल्तानपुर से प्रियंका, सोनम, पूजा, सन्जू और रमिता को शामिल कराया था। इन सभी का सत्यापन आरोपित एडीओ ने किया था। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि सन्जू की शादी तीन साल, जबकि पूजा का विवाह एक साल पहले ही हो चुका था। इसके अलावा अर्चना, रंजना, सुमन, रमिता और प्रियंका की भी शादी साल 2023 में हो चुकी थी।
विवाह तय नहीं, बना दी दुल्हन
इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि सोनम की अभी शादी तय भी नहीं हुई थी इसके बाद भी उसे लाभार्थी के रूप में शामिल किया गया। जिलाधिकारी बलिया के निर्देश पर हुई जांच में इसका खुलासा होने के बाद सभी नौ आरोपितों के खिलाफ मंगलवार को बलिया के थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। वहीं समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने प्रशासनिक जांच और एफआइआर की विवेचना जल्द पूरी करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।