आरयू ब्यूरो, लखनऊ। एलडीए में जोनल सिस्टम लागू होने के बाद भी अवैध निर्माण को लापरवाही व रिश्वतखोरी के चलते बढ़ावा देने वाले इंजीनियर, अफसर व कर्मियों की जावबदेही नहीं तय हो रही। जनता के निर्माण को अवैध बताकर सील करने व उनपर जेसीबी चलवाकर वाहवाही लूटने वाले एलडीए के अफसर अपने ही विभाग के प्रवर्तन में बैठे अवैध निर्माण को संरक्षण देने वालों पर कार्रवाई करना तो दूर उन्हें चिन्हित तक नहीं कर पा रहे हैं, यही वजह है न सिर्फ लखनऊ में अवैध निर्माण पर लगाम नहीं लग रही, बल्कि चंद मामलों में अवैध निर्माण पूरा होने के बाद उन्हें सील करने की खानापूर्ति कर मीडिया में चमकने के साथ ही वीसी व सचिव को गुमराह करने की कोशिश भी चल रही।
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ऐसे ही एक मामला आज एलडीए के जोन चार से सामने आया है। सीतापुर रोड स्थित नवीकोट नंदना में करीब चार हजार वर्ग फिट में फैले एक गोदाम में लगभग दर्जन भर शटर लगने व फीनिशिंग का काम पूरा होने के बाद जोन चार के इंजीनियरों ने इसे सील किया है। यह निर्माण किसी मनीष जैन का बताया गया है। सीलिंग के बाद क्षेत्रिय जेई अजय महेंद्रा के साथ जोन चार के अन्य इंजीनियरों ने अवैध निर्माण के साथ फोटो खिचवाई और एलडीए के जनसंपर्क विभाग की ओर से फोटो को जारी भी कर दिया गया।
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वहीं सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद एलडीए की कार्रवाई पर सवाल उठ रहें हैं, जानकार लोगों का मानना है कि इतना बड़ा अवैध निर्माण एक-दो महीनों में नहीं, बल्कि साल दो साल में तैयार होता है ऐसे में जब अवैध निर्माण हो रहा था तब एलडीए के क्षेत्रिय इंजीनियर अफसर क्या कर रहे थे।
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दूसरी ओर नवीन कोट नंदना के स्थानीय लोगों की माने तो विशालकाय गोदाम का निर्माण साल भर से अधिक समय से चल रहा था, इस बीच एलडीए के कुछ इंजीनियर व कर्मी वहां कारों से आते-जाते भी रहते थे।
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वहीं इसी महीने गोदाम सील करने का आदेश पारित करने वाले जोन चार के जोनल अफसर अरुण कुमार सिंह का दावा है कि अवैध निर्माण की जानकारी होने के बाद उसे सील करा दिया गया, हालांकि पब्लिक प्रापर्टी के खिलाफ कलम चलाने वाले जोनल अफसर अवैध निर्माण होने के दौरान इस पर लगाम लगाने के लिए संबंधित क्षेत्र में तैनात रहे जेई व सुपरवाइजर के नाम तक नहीं बता सके।