आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने चित्रकूट के कर्वी थाने में दर्ज एफआइआर और गैंग चार्ट को रद्द करने का आदेश दिया है। इस मामले में अब्बास अंसारी के साथ शाहबाज आलम खान, नवनीत सचान और फराज खान ने भी एफआइआर रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद एफआइआर और गैंग चार्ट को रद्द करने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट में अब्बास अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सीनियर एडवोकेट दया शंकर मिश्र ने पक्ष रखा। मामले की सुनवाई जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस मदनपाल सिंह की डिवीजन बेंच ने की और फैसला सुनाया। इससे पहले बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम के एक मामले में विधायक अब्बास अंसारी पर लगाई गई जमानत शर्तों में ढील देते हुए उन्हें जांच अधिकारियों को पूर्व सूचना देकर राज्य से बाहर यात्रा करने की अनुमति दे दी थी।
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वहीं कानूनी हलकों में इसे एक महत्वपूर्ण आदेश माना जा रहा है, क्योंकि अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग पर भी अप्रत्यक्ष रूप से सवाल खड़े किए हैं। अब्बास अंसारी को चार नवंबर, 2022 को अन्य आपराधिक मामलों में हिरासत में लिया गया और छह सितंबर, 2024 को गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त, 2024 को अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शहबाज आलम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एवं असामाजिक क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 की धारा दो से तीन के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। इन सभी पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप लगाया गया है।