आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर कोरोना काल में छूटे हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए समर्पित विशेष टीकाकरण अभियान, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को ‘गोल्डन कार्ड’ वितरित तथा टीबी मरीजों की खोज के विशेष अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रदेशवासियों से शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया।
योगी ने कहा कि जब तक बचपन स्वस्थ और सुरक्षित नहीं होगा तब तक सुनहरे उत्तर प्रदेश के सपना साकार नहीं हो सकता। हमारी सरकार महिलाओं और बच्चों की हर प्रकार से सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार समर्पित है। साथ ही सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वस्थ भारत’ की संकल्पना का उल्लेख करते हुए कहा कि सबको स्तरीय चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री ने ‘आयुष्मान भारत’ जैसी बेहतरीन योजना शुरू की है। इससे छूटे जरूरतमंदों के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना भी शुरू की गई है। इस योजना के लिए जरूरी ‘गोल्डन कार्ड’ हर जरूरतमंद को जरूर मिले, इसे प्रदेश सरकार सुनिश्चित करेगी। इसी कड़ी में आज आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड विहीन 6,709 गांवों में लाभार्थियों का सत्यापन एवं गोल्डेन कार्ड वितरण कार्य का शुभारंभ किया जा रहा है।
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इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आयुष्मान मित्र’ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उनकी जिम्मेदारी तय की जाए। एक भी घर, जो पात्र हो, गोल्डन कार्ड से वंचित नहीं रहना चाहिए। इस दौरान अभियान के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों के पांच लाभार्थियों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड दिया। सीएम योगी ने सभी से उनके घर-परिवार की जानकारी लेते हुए पहले कार्ड क्यों नहीं बनने के बारे में भी पूछा।
बता दें कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजन’ का लाभ एसईसीसी- 2011 की पात्रता सूची में चिन्हित 1.18 करोड़ परिवारों एवं “मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान का लाभ इस पात्रता सूची से वंचित लगभग 8.43 लाख परिवारों को मिल रहा है। दोनों योजनाओं को मिलाकर प्रदेश के 6.32 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।
वहीं मरीजों की सहायता के लिए आरोग्य मित्रों की तैनाती की गई है। प्रदेश में अब तक लगभग 98 लाख लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करते हुए उन्हें गोल्डेन कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं, जिनमें से 5.3 लाख लाभार्थी मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के हैं।