गोमतीनगर के 13 प्‍लॉटों के घोटाले के बाद LDA के रजिस्‍ट्री सेल से पांच दिन में दूसरी बार हटाए गए बाबू, नई तैनाती पाए बाबूओं को मिली जिम्‍मेदारी, भूखंडों का निबंधन भी शुरू

एलडीए

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। एलडीए की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करने वाला 13 प्‍लॉटों की फर्जी रजिस्‍ट्री का मामला सामने आने के बाद एलडीए में भूखंडों के समायोजन के खेल में माहिर व दलालों से गठजोड़ रखने वाले कई बाबू अफसरों के रडार पर हैं। एलडीए के आलाधिकारी जहां अपने विभाग में ईमानदार व साफ छवि के बाबू को तलाश कर रहें है, वहीं भविष्‍य में इस तरह का मामला सामने न आए इसके लिए भी फूंक-फूंककर कदम उठा रहें हैं।

वहीं इन सबके बीच बुधवार को एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने रजिस्‍ट्री कराने के लिए रजिस्‍ट्री सेल में तैनात बाकी के दो बाबूओं को भी हटा दिया है। चार दिन पहले रजिस्‍ट्री सेल के बाबू पवन कुमार के 13 प्‍लॉटों की फर्जी रजिस्‍ट्री कराने के मामले में जेल जाने के बाद से ही रोके गए भूखंड के निबंधन का काम भी इसी के साथ आज से शुरू हो गया है।

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एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी के अनुमोदन के बाद सचिव ने आज व्‍यावसायिक सेल में तैनात कैलाश कुमार सिंह, बसंत कुंज योजना के बाबू शिवकुमार दूबे व आइजीआरएस का काम देख रहे प्रदीप केसरवानी को रजिस्‍ट्री सेल में तैनाती दी है। वहीं रजिस्‍ट्री सेल में तैनात रहे मान बहादुर सिंह को बसंत कुंज योजना, जबकि विवेक कुमार श्रीवास्‍तव को रजिस्‍ट्री सेल से हटाकर आइजीआरएस का काम देखने का आदेश किया है।

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एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि पवन कुमार के बाद रजिस्‍ट्री सेल में काम कर रहे दोनों बाबूओं को  गड़बड़ी की संभावनाओं को देखते हुए हटाया गया है। रजिस्‍ट्री सेल में आज तीन नए बाबूओं की तैनाती के साथ ही उनको क्षेत्रवार काम आवंटित करते हुए प्‍लॉटों की रजिस्‍ट्री भी शुरू करा दी गयी है, जिससे कि आवंटियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठानी पड़े।

मिली इन तहसीलों की जिम्‍मेदारी-

बाबू की तैनाती में फेरबदल के बाद रजिस्‍ट्री सेल में तैनात किए गए तीनों प्रवर वर्ग सहायकों को आज शाम ही तहसील के हिसाब से जिम्‍मेदारी भी दे दी गयी है। सचिव के एक अन्‍य आदेश के अनुसार बाबू प्रदीप केसरवानी मोहनलालगंज व सरोजनीनगर, शिवकुमार दूबे लखनऊ तहसील के रजिस्‍ट्री कार्यालय संख्‍या दो, जबकि कैलाश कुमार सिंह लखनऊ तहसील के ही कार्यालय संख्‍या 1, 3, 4 व 5 से संबंधित प्‍लॉट व फ्लैट की रजिस्‍ट्री कराएंगे।

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बताते चलें कि आवास विभाग के वरिष्‍ठ अफसर की सिफारिश पर बीती 14 जून को नजूल से एलडीए की रजिस्‍ट्री सेल में तैनात किए गए बाबू पवन कुमार ने 14 जुलाई से एक अक्‍टूबर के मात्र ढाई महीने के समय में ही 13 प्‍लॉटों की फर्जी रजिस्‍ट्री करा दी। गोमतीनगर के विभिन्‍न खंड में स्थित इन दस करोड़ रुपये से ज्‍यादा की कीमती वाले प्‍लॉटों में से अधिकतर पर मकान भी बन चुके थे। मामला सामने आने के बाद बीते शुक्रवार को एलडीए वीसी ने पवन कुमार को निलंबित करते हुए पुलिस के हवाले कर दिया था। अफसरों की तहरीर पर पवन कुमार के अलावा प्‍लॉट खरीदने वाले व रजिस्‍ट्री के गवाहों पर कुल 13 मुकदमें दर्ज करते हुए गोमतीनगर पुलिस ने बाबू को शनिवार को जेल भेज दिया था। वहीं एलडीए के अफसरों ने इस सनसनीखेज फर्जी रजिस्‍ट्री कांड से जुड़े संभावित बिंदुओं पर जांच शुरू करते हुए प्‍लॉटों की रजिस्‍ट्री पर भी रोक लगा थी।