आरयू वेब टीम/ब्यूरो,
लखनऊ। दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस में मथुरा रेलवे स्टेशन पर बीते रविवार को बिना टिकट यात्रा कर रहे शख्स को टीटीई ने जीआरपी को सौंप दिया। शुरूआती जांच में ये युवक पुलिस को कुछ संदिग्ध लगा। जब पुलिस टीम ने पूछताछ की तो उसकी पहचान जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाले 30 साल के बिलाल अहमद वानी के रूप में हुई।
बता दें कि जीआरपी को खुफिया एजेंसियों से एक संदिग्ध कश्मीरी के शताब्दी में यात्र करने का इनपुट मिला था। ट्रेन के पहुंचते ही कोच-3 से अनंतनाग (कश्मीर) के गांव बिलगांव के रहने वाले बिलाल अहमद वानी को दबोच लिया गया। उसके पास से उसका और एक महिला का आधार कार्ड और एक सिम मिला है।
जीआरपी थाने में आर्मी इंटेलीजेंस, इंटेलीजेंस ब्यूरो, लोकल इंटेलीजेंस, एसपी सुरक्षा सिद्धार्थ वर्मा और एटीएस ने उससे आठ घंटे पूछताछ की। इस दौरान वह बार-बार अपने बयान बदलता रहा। इतना ही नहीं उसने अपने दो अन्य साथियों के दिल्ली में होने की जानकारी भी दी।
यह भी पढ़ें- ATS ने फैजाबाद से दबोचा ISI एजेंट, पूछताछ जारी
वहीं, पकड़े जाने के दौरान उसने भागने की कोशिश की और पूछताछ के दौरान किसी नुकीली चीज से सीने पर वार कर खुद को घायल कर लिया, जिसके बाद पुलिस ने उसके दोनों हाथ पीछे बांध दिए। खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि वह एक जनवरी को दिल्ली आया था और उसने चार जनवरी को कनाट प्लेस से एटीएम से चालीस हजार रुपये भी निकले थे।
इस संबंध में आईजी यूपी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि बिलाल अहमद वानी दिल्ली- भोपाल शताब्दी में बिना टिकट पकड़ा गया था और संदिग्ध आचरण कर रहा था। पूछताछ और जांच से अभी तक यह स्पष्ट हुआ है कि उसका नाम पता सही है। उसके परिवार का अनंतनाग में मेडिकल स्टोर है। बिलाल के साथ दो अन्य कश्मीरी पुरुष भी दिल्ली के एक होटल में रुके थे। उनके नाम पते सही पाए गए हैं। उनकी तलाश की जा रही है ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। पकड़े गए युवक का अभी तक आतंक संबंधी लिंक कन्फ़र्म नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर जहर घोलने वाले को STF ने दबोचा, अगर आपकी आदत भी है ऐसी तो हो जाएं सावधान