आरयू वेब टीम।
आज संसद में वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) और उसके चार सहायक विधेयक को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया है। केंद्र सरकार के देश के सबसे बडे़ आर्थिक सुधार कहे जा रहे जीएसटी और उसके चारों विधेयक पर 29 मार्च को चर्चा की जाएगी।
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मौजूदा कानूनों एंव नए कानूनों में बदलाव से जुड़े यह चार बिल संसद के निचले सदन, यानी लोकसभा में पेश कर दिए गए हैं। सरकार चाहती है कि सदन में यह बिल कम से कम 30 मार्च तक पारित हो जाएं, जिसके बाद इन्हें राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
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इन चार बिलों – सेंट्रल जीएसटी, इन्टीग्रेटेड जीएसटी, यूनियन टेरिटरीज जीएसटी तथा मुआवजा कानून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी महीने मंजूरी दी थी। इन बिलों को संसद से मंजूरी मिलने के बाद राज्य जीएसटी बिल राज्य विधानसभाओं में पेश किए जाएंगे।
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कैबिनेट की मंजूरी से पहले वित्तमंत्री की अध्यक्षता वाली और राज्यों के वित्तमंत्रियों की सदस्यता वाली शक्तिशाली जीएसटी काउंसिल ने पांच कानूनों को मंजूरी दी थी, जिससे राज्यों तथा केंद्र के बीच मौजूद मतभेद दूर हो गए थे, और कई अप्रत्यक्ष करों के बदले लागू होने वाले राष्ट्रीय कर को लागू करने का रास्ता तैयार हो गया।