आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मोहर्रम को लेकर यूपी पुलिस द्वारा जारी की गई गाइडलाइन को लेकर मुस्लिम धर्म गुरूओं द्वारा विरोध जताया जा रहा है। शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे जव्वाद ने मोहर्रम को लेकर डीजीपी मुख्यालय की ओर से जारी गाइडलाइन की भाषा पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने सोमवार को प्रेसवार्ता में कहा कि सर्कुलर में गलत भाषा का इस्तेमाल किया गया है। इसमें गोवंश और यौन संबंधी घटनाओं का जिक्र किया गया है, जो कि मोहर्रम का अपमान है। उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताते सभी मोहर्रम कमेटियों से पुलिस की किसी भी मीटिंग में न शामिल होने की अपील की है।
कल्बे जव्वाद ने कहा कि सर्कुलर का बयान प्रदेश के पुलिस मुखिया का नहीं, बल्कि अबु बक्र बगदादी का प्रतीत होता है। डीजीपी को अपना बयान वापस लेना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्कुलर हर साल जारी होता है पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
वहीं शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने भी इस पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि गाइडलाइन में बीते 40 साल पुरानी बातों को खोद कर शिया समुदाय पर गलत इल्जाम लगाए गए हैं। इससे शिया समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने डीजीपी से इस पत्र को वापस लेने और इसे तैयार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।
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प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने रविवार शाम को ही इस पर सफाई दे दी थी। उन्होंने कहा कि मोहर्रम को लेकर सर्कुलर पिछली बार की तरह इस बार भी जारी किया गया है। जो पत्र वायरल हो रहा है, उसके बारे में एडीजी कानून व्यवस्था को सच्चाई पता करने के लिए कहा गया है।
बता दें कि जारी किए गए दिशा-निर्देश में शिया समुदाय की ओर से तबर्रा पढ़ने की बात कही गई। इसमें कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व जानवरों की पीठ और पतंगों पर ऐसी बातें लिखकर उड़ाते हैं जिन पर सुन्नी समुदाय को ऐतराज होता है। इससे अमन बिगड़ने की आशंका जताई गई।