गुजरात के पूर्व CM शंकरसिंह वाघेला का संगीन आरोप, गोधरा की तरह पुलवामा हमला भी भाजपा की साजिश

शंकरसिंह वाघेला
शंकरसिंह वाघेला (फाइल फोटो।)

आरयू वेब टीम। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता व गुजरात के मुख्यमंत्री रहे शंकरसिंह वाघेला ने भाजपा पर सं‍गीन आरोप लगाएं हैं। उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला ठीक उसी तरह बीजेपी की साजिश थी, जैसे गोधरा कांड था। एनसीपी नेता शंकरसिंह वाघेला ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि ”पुलवामा आतंकी हमले में आरडीएक्स ले जाने के लिए जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था, उसका रजिस्ट्रेशन नंबर गुजरात का था”।

उन्होंने आगे कहा, ‘गोधरा कांड भी भाजपा की साजिश थी’।  मीडिया से बात करते हुए वाघेला बोले भाजपा चुनाव जीतने के लिए आतंकवाद का सहारा लेती रही है। पिछले पांच सालों में तमाम आतंकवादी हमले हुए।

बालाकोट हमले में नहीं मारा गया था कोई

वो इतने पर ही नहीं रुके और कहा कि ‘बालाकोट एयरस्ट्राइक भाजपा की सोची-समझी साजिश थी। बालाकोट हमले में कोई भी नहीं मारा गया था। यहां तक कि कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंसी भी यह साबित नहीं कर पाई कि एयर स्ट्राइक में दो सौ लोग मारे गए थे’। वाघेला ने कहा, पुलवामा को लेकर खुफिया सूत्रों से जानकारी मिलने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया।

…तो क्‍या पुलवामा हमले का कर रहे थे इंतजार

भाजपा पर हमला जारी रखते हुए गुजरात के पूर्व सीएम ने कहा कि अगर आपके पास बालाकोट को लेकर जानकारी थी तो पहले ही इन आतंकी कैंप के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? आप क्यों इंतजार कर रहे थे कि पुलवामा जैसी कोई घटना हो।

मुश्‍किलों से गुजर रहा गुजरात

इसके अलावा गुजरात मॉडल पर भी हमला करते हुए कहा कि ‘बीजेपी का गुजरात मॉडल झूठा है। सच्‍चाई तो यह है कि राज्य तमाम मुश्किलों से गुजर रहा है। खुद बीजेपी नेता पार्टी से नाराज हैं और उन्हें लग रहा है कि वे बंधुआ मजदूर हैं।

यह भी पढ़ें- चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया गुजरात मॉडल था छलावा: अखिलेश

यहां बताते चलें कि गुजरात में 26 लोकसभा सीटें हैं। पिछली बार बीजेपी सभी सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार कांग्रेस और अन्य दल कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

यहां जाने शंकरसिंह वाघेला के बारे में मुख्‍य बातें-

शंकरसिंह वाघेला गुजरात के बड़े नेता माने जाते हैं। अक्टूबर 1996 से अक्टूबर 1997 तक वाघेला गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वाघेला अकेले ऐसे नेता हैं जो राज्य में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के अध्यक्ष रह चुके हैं। वाघेला पहले भाजपा में थे।

साल 1995 में भाजपा की जीत के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद थी, लेकिन वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। जिसके बाद नाराज वाघेला ने बगावत कर दी और बीजेपी से अलग होकर साल 1996 में बीजेपी तोड़कर राष्ट्रीय जनता पार्टी बनाई।

वाघेला बाद में कांग्रेस के समर्थन से गुजरात में मुख्यमंत्री बन गए थे। इसके बाद वाघेला की राष्ट्रीय जनता पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया था। फिर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले वाघेला ने कांग्रेस पार्टी से खुद को अलग कर लिया था। साल 2019 जनवरी में शंकरसिंह वाघेला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए।

यह भी पढ़ें- पुलवामा हमले पर सपा नेता रामगोपाल का बड़ा बयान, वोट के लिए मार दिए गए जवान, जांच हुई तो…