ज्ञानवापी केस में कोर्ट ने खारिज की एक पक्ष की याचिका, दूसरे पक्ष की दलीलों की होगी सुनवाई

ज्ञानवापी
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर मामले में गैर मुस्लिम का प्रवेश वर्जित करने, वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा पाठ राग भोग की अनुमति और परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग को लेकर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है। फिलहाल ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को एक और झटका लगा है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है।

वादी किरण सिंह बिसेन द्वारा दायर याचिका पर कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा है कि यह मामला सुनवाई योग्य है। अब इस मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी। वादिनी किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई है।

गौरतलब है कि 15 अक्टूबर को इस मामले पर दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई थी। तब से आदेश में पत्रावली लंबित है। इससे पहले इस मामले पर 8 नवंबर को आदेश आना था, लेकिन अदालत के पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण अगली तारीख 14 नवंबर को तय की गई थी। जिसके बाद अब 17 नवंबर को मामले पर सुनवाई की गई।वादिनी किरन सिंह की ओर से दाखिल वाद पर कोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी बहस पूरी कर ली। वहीं इस मामले पर लिखिल प्रति भी दाखिल की जा चुकी है।

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बता दें कि वादिनी किरन सिंह के अधिवक्ताओं ने दलील देते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से मामला सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर जो आपत्ति जाहिर की थी। वह साक्ष्य और ट्रायल की विषय है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी का गुंबद छोड़कर सब मंदिर का है और जब इसका ट्रायल होगा तो पता चल जाएगा कि वह मस्जिद है या मंदिर। वहीं दीन मोहम्मद के फैसले पर बात करते हुए कहा गया कि उस केस में कोई हिंदू पक्षकार नहीं था। इसलिए यह हिंदू पक्ष पर लागू नहीं होगा।

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