आरयू ब्यूरो,वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद के तीसरे दिन का सर्वे पूरा कर लिया गया है। सर्वे के बाद वाराणसी की कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस वजूखाने को सील करने का आदेश दिया है, जहां शिवलिंग पाए जाने का हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया है, हांलाकि इस बीच, मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का खंडन करते हुए इसे मात्र एक फव्वारा बताया है। वहीं हिंदू पक्ष के दावे के कुछ देर बाद ही बाद कोर्ट ने उस एरिया को सील कर वजू करने पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है।
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद हिंदू पक्ष जिला अदालत पहुंचा था, जहां इसको संरक्षित करने की बात कही गई। उनके आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कथित शिवलिंग वाली जगह को सील करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कथित शिवलिंग मिलने वाली जगह पर किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में उस स्थान को संरक्षित व सुरक्षित रखने की पूरी जिम्मेदारी जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त और सीआरपीएफ के कमांडेंट की तय की है। इसकी निगरानी मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को करने का भी आदेश दिया गया है। वहीं कोर्ट ने आदेश में कहा कि सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वहां मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों का प्रवेश वर्जित करें। मात्र 20 लोगों को नमाज की इजाजत दी जाए और वहां वजू करने से रोक दिया जाए।
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दूसरी ओर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वह पानी के फव्वारे के पास का एक हिस्सा है। जितनी भी पुरानी मस्जिदें हैं, उन सभी जगहों पर काले या सफेद पत्थर युक्त पानी का फव्वारा होता है। अदालत ने हौद को सील करने का आदेश दिया है। मसला अदालती है, इस नाते क्या कहा जाए। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी, जबकि उनके वकील ने दावा किया है कि कोर्ट ने बिना मस्जिद पक्ष को सुने ही एकतरफ फैसला दिया है। किसी फैसले को देने से पहले दोनोंं पक्षों को कोर्ट सुनता है।
वहीं हिंदू पक्ष के वकील ने कहा है कि तीसरे दिन सर्वे की कार्यवाही के दौरान शिवलिंग मिला है। सर्वे के दौरान शिवलिंग दिखते ही मैं कोर्ट चला गया। उस जगह को सुरक्षित करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।