आरयू वेब टीम। कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर कई गुना ज्यादा फीस बढ़ाते हुए एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) करने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत के पास ‘‘एक कमजोर प्रधानमंत्री’’ है।
राहुल गांधी ने जुलाई, 2017 में ‘एक्स’ (उस समय के ट्विटर) पर किए गए अपने एक पोस्ट को साझा करते हुए प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया। उस पोस्ट में भी कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘‘कमजोर प्रधानमंत्री” होने का आरोप लगाया था। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने शनिवार को दावा किया, ‘‘मैं इस बात को दोहराता हूं, भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘कुछ गैर आप्रवासी कामगारों के प्रवेश पर रोक’ संबंधी सरकारी आदेश पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए। इस फैसले के तहत उन कामगारों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी, जिनके एच1बी आवेदन के साथ एक लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान नहीं किया गया होगा।
मोदी-मोदी के नारे लगवाना विदेश नीति नहीं: खड़गे
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विदेश नीति को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘गले लगना और मोदी-मोदी के नारे लगवाना विदेश नीति नहीं है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि विदेश नीति का मकसद केवल दिखावा नहीं, बल्कि भारत के दीर्घकालिक राष्ट्रीय हितों की रक्षा होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर (88 लाख रुपये) का शुल्क लगाए जाने के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘गले लगना और मोदी-मोदी के नारे लगवाना” विदेश नीति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश नीति में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखना चाहिए तथा किसी से मित्रता को विवेक एवं संतुलन के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।
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खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी जी, आपके जन्मदिन पर फोन कॉल के बाद आपको जो जवाबी तोहफा मिला है उससे भारतीय नागरिकों को दुख होता है। यह आपकी ‘‘अबकी बार, ट्रंप सरकार” की ओर से जन्मदिन का जवाबी तोहफा है।” उन्होंने दावा किया कि एच -1बी वीजा पर एक लाख डॉलर का वार्षिक शुल्क भारतीय तकनीकी कर्मचारियों को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला है क्योंकि, एच-1बी वीजा धारकों में से 70 प्रतिशत भारतीय हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘50 प्रतिशत ‘टैरिफ’ पहले ही लगाया जा चुका है, अकेले 10 क्षेत्रों में भारत को 2.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहले से ही अनुमानित है।
अमेरिका का ‘‘हायर” अधिनियम भारतीय आउटसोर्सिंग को लक्षित करता है।” आगे कहा कि चाबहार बंदरगाह से छूट हटाई गई, जिससे भारत के रणनीतिक हितों को नुकसान होगा। खड़गे ने कहा, ‘‘यहां तक कि यूरोपीय संघ से भारतीय वस्तुओं पर सौ प्रतिशत शुल्क लगाने का आह्वान भी किया गया। ट्रंप ने हाल ही में कई बार दावा किया कि उनके हस्तक्षेप से भारत-पाक युद्ध रुक गया।”
साथ ही कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं। गले मिलना, खोखले नारे, संगीत कार्यक्रम और लोगों से ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगवाना विदेश नीति नहीं है।” खड़गे ने कहा कि विदेश नीति भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के बारे में है और भारत को प्रथम रखते हुए मित्रता को विवेक एवं संतुलन के साथ आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसे सतही दिखावे तक सीमित नहीं किया जा सकता, जिससे हमारी दीर्घकालिक स्थिति कमजोर होने का खतरा है।”
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दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘कुछ गैर आप्रवासी कामगारों के प्रवेश पर रोक’ संबंधी सरकारी आदेश पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए। इस फैसले के तहत उन कामगारों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी, जिनके एच1बी आवेदन के साथ एक लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान नहीं किया गया होगा।