आरयू वेब टीम। दिवाली के पटाखों व ठंड की आहट का असर राजधानी दिल्ली के बाद यूपी के भी शहरों में भी दिखना शुरू हो गया है। गाजियाबाद नोएड के अलावा लखनऊ की भी हवा जहरीली हो रही है। ऐसे में आम लोगों के अलावा बुजुर्ग-बच्चों व खासकर सांस के मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
यूपी के शहरों के व्यस्त और औद्योगिक क्षेत्र में गैसों का दबाव बना है। कई शहरों में कार्बन मोनोऑक्सइड खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि अभी नाइट्रोजन, सल्फर डाइऑक्सइड और अमोनिया की स्थिति खराब स्तर पर नहीं पहुंची है। वहीं लखनऊ का औसत एक्यूआई भले ही मध्यम हो पर लालबाग, तालकटोरा और सेंट्रल स्कूल अलीगंज के आसपास की हवा खराब की श्रेणी में पहुंचने के चलते जहरीली हो चुकी है।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जारी रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा खतरनाक हो गई है। सभी जगह एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया है। यह मानकों के अनुसार खतरनाक स्थिति है। यह अन्य गैसों की स्थिति नियंत्रण रही पर कार्बन मोनोआक्साइड 77 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर रही। मानकों के मुताबिक 34 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से अधिक मात्रा में कार्बन मोनोआक्साइड खतरनाक श्रेणी में आती है।
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वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ की बात करें तो लालबाग क्षेत्र में 272 और तालकटोरा में 234 दर्ज किया गया है। इनके अलावा आगरा में सेक्टर 3 बी आवास विकास कॉलोनी में एक्यूआई 156, बरेली के राजेन्द्र नगर क्षेत्र में 205, गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र में 424, गोरखपुर के एमएमएमयूटी क्षेत्र में 130, कानपुर के नेहरू नगर क्षेत्र में 230, मेरठ के जयभीम नगर क्षेत्र में 247, मुरादाबाद के इको हर्बल पार्क क्षेत्र में 246, नोएडा के सेक्टर 62 क्षेत्र में 404, प्रयागराज नगर निगम क्षेत्र में 213 और वाराणसी के मलदहिया क्षेत्र में 164 पाया गया।




















