आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने चित्रकूट जेल कांड मामले में विधायक अब्बास अंसारी की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने बुधवार को पारित किया है। इसके पूर्व न्यायालय ने अब्बास अंसारी और राज्य सरकार के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के पश्चात 24 अप्रैल को मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। इस मामले में अब्बास के साथ चित्रकूट जेल के अधिकारी व अब्बास की पत्नी निखत बानो को अभियुक्त बनाया गया था।
साथ ही न्यायालय ने अपने आदेश में अब्बास अंसारी को नसीहत भी दी है कि वह एक जिम्मेदार पद पर हैं, उनका आचरण उच्च कोटि का होना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि यह कदापि उचित नहीं है कि एक कानून बनाने वाला ही कानून तोड़ता दिखाई दे। न्यायालय ने आगे कहा कि जेल में लगे कैमरों और गवाहों के बयान के आधार पर मामले में अभियुक्त की संलिप्तता प्रथम दृष्टया स्थापित हो रही है। उनके बैकग्राउंड और उसके परिवार के इतिहास को देखते हुए, यह नहीं कहा जा सकता कि आरोप निराधार हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने पारित किया। जमानत याचिका पर सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने अभियुक्त व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के पश्चात 24 अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। इसे बुधवार को पारित किया।
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बता दें कि मामले में जेल से भागने की साजिश रचने के साथ-साथ अभियुक्त अब्बास पर जेल में नियमों की अनदेखी कर पत्नी से मुलाकात करने, गवाहों को धमकी देने व रंगदारी की वसूली की साजिश में शामिल होने व सुविधाओं के लिए जेल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उपहार, पैसा व प्रलोभन देने आदि के आरोप हैं।
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