आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर लखनऊ विकास प्राधिकरण की 1474 एकड़ की वेलनेस सिटी योजना शुरू होने से पहले ही छोटी हो गयी है। लखनऊ के बड़े बिल्डरों की नाराजगी के बाद एलडीए ने वेलनेस सिटी के लिए सात बिल्डरों से करीब तीन सौ एकड़ जमीन लेने का फैसला अगली ही बोर्ड बैठक में आज वापस ले लिया है। अब इस योजना को 12 सौ एकड़ से भी कम में विकसित किया जाएगा।
शुक्रवार सुबह कमिश्नर रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई एलडीए की बोर्ड बैठक में पास हुए इस फैसले को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। वहीं बोर्ड बैठक के बाद पूर्व की तरह आज प्रेसवार्ता कर बैठक के फैसलों के बारे में एलडीए अफसरों द्वारा मीडिया को विस्तृत जवाब नहीं देना भी कई सवालों को जन्म दे रहा है। हालांकि बड़े बिल्डरों को फायदा पहुंचाने वाले इस कदम को वापस खींचने के लिए एलडीए ने शासन स्तर से निर्देश मिलने की बात कही है।
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आज शाम प्रेस नोट जारी कर एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि लखनऊ-सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रस्तावित वेलनेस सिटी का विकास 1441.26609 करोड़ की लागत से होगा। इसमें भूमि अधिग्रहण व विकास कार्यों के लिए शासन द्वारा मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत 40 प्रतिशत पैसा मिलेगा। साथ ही शासन के निर्देशानुसार योजना में आ रही प्राइवेट बिल्डरों की 296.843 एकड़ भूमि को इससे अलग करते हुए मस्तेमऊ गांव की जमीन को शामिल किया गया है। अब वेलनेस सिटी के लिए बक्कास, मलूकपुर ढ़कवा, चैरहिया, चैरासी, दुलारमऊ, नूरपुर बेहटा व मस्तेमऊ गांव की कुल 1197.984 एकड़ भूमि अर्जित की जाएगी। अर्जन की कार्यवाही के लिए शहरी क्षेत्र में कलेक्टर सर्किल रेट का दो गुना व ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना प्रतिकर दिया जाएगा। इसके अलावा किसानों से सहमति व लैंड पूलिंग के आधार पर भूमि का जुटाव किया जाएगा।
इसी तरह आइटी सिटी के लिए बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकन्दरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़ नगर टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, खुजौली व भटवारा गांव की कुल 1710.2433 एकड़ जमीन ली जाएगी।
इन रास्तों के किनारें बनेंगी ऊंची बिल्डिंगे
वहीं बोर्ड बैठक में मंजूर हुए एक अन्य फैसले के तहत अब शहीद पथ, किसान पथ व ग्रीन कॉरिडोर के दोनों तरफ 500-500 मीटर के दायरे में बहुमंजिला इमारतें बनायी जा सकेंगी। इसके लिए इन तीनों मुख्य मार्ग के प्रभाव क्षेत्र को ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवेलपमेंट (टीओडी) जोन घोषित किया गया है।
एलडीए वीसी ने बताया कि अभी तक इन रास्तों पर बहुमंजिला भवन के निर्माण में 2.5 का एफएआर ही मिलता है। बोर्ड द्वारा टीओडी क्षेत्र का प्रस्ताव पारित किये जाने से अब इन मार्ग की 500-500 मीटर परिधि में विकसित क्षेत्र में 4.0 और अविकसित क्षेत्र में 5.0 एफएआर अनुमन्य किया जाएगा। इसमें बेसिक एफएआर से बढ़े एफएआर के लिए क्रय योग्य एफएआर फीस देनी होगी। इससे प्राधिकरण को जहां अतिरिक्त इनकम होगी वहीं कॉरिडोर के दोनों ओर नियोजित विकास सुनिश्चित होगा।
प्राइवेट कंपनी चलाएगी भीमराव अंबेडकर सभागार
कानपुर रोड योजना स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार को आउटसोर्स के माध्यम से संचालन व अनुरक्षण के लिए एलडीए प्राइवेट कंपनी को सौंपेगा। आज बोर्ड द्वारा लिये गये फैसले के अनुसार इस काम के लिए उपाध्यक्ष की स्वीकृति से आरएफपी आमंत्रित की जाएगी।
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एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि सभागार में 2650 सिटिंग क्षमता व 350 सिटिंग क्षमता वाले दो ऑडिटोरियम, दों कैन्टीन व बड़ी पार्किंग है। प्राधिकरण ने बीते मई माह में ही करीब दो करोड़ रूपये खर्च कर सभागार में रिपेयरिंग व रेनोवेशन का कार्य कराया है। भविष्य में इसके अनुरक्षण व बिजली बिल आदि का अत्यधिक बोझ प्राधिकरण पर न पड़े, इसके लिए सभागार को लीज पर देकर संचालित कराया जाएगा।
15 मीटर ऊंची बिल्डिंगों का होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट
एलडीए 15 मीटर या उससे ज्यादा ऊंची बिल्डिंगों का हर पांच साल में स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट कराएगा। इसके लिए एलडीए इंजीनियर, कंसल्टें व फर्म का पैनल गठित करेगा। बैठक में आज इसकी भी मंजूरी मिली है।
उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि जनता की जान व माल की सुरक्षा को देखते हुए बहुमंजिला भवनों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट कराना बेहद जरूरी है। इस बारे में प्राधिकरण बोर्ड द्वारा पूर्व में भी प्रस्ताव पारित किया गया है। आज बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया है कि प्राधिकरण के स्तर से स्ट्रक्चरल इंजीनियर, कंसल्टेंट व फर्म का पैनल गठित किया जाएगा, जिसके लिए जल्द से जल्द कार्यवाही की जाएगी।
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इस क्रम में विकास क्षेत्र में 15 मीटर या उससे अधिक ऊंचे बहुमंजिला भवनों का हर पांच साल में स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। साथ ही ऑडिट को अग्निशमन विभाग के साथ लिंक किया जाएगा, जिससे कि कार्यवाही को प्रभावी तरीके से प्रचलित किया जा सके।
छावनी क्षेत्र से एलडीए हटाएगा 18 परिवार
उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि छावनी क्षेत्र में रानी लक्ष्मी बाई मार्ग पर 18 परिवार अवैध कब्जा कर रह रहे हैं। छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने रक्षा भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाकर यहां के अध्यासियों के पुर्न-विस्थापन के संबंध में पत्र भेजा है। इस मामले में बोर्ड ने निर्णय लिया है कि बटलर पैलेस के अवैध अध्यासियों की तरह छावनी क्षेत्र के इन 18 अवैध अतिक्रमणकर्ताओं को विस्थापन नीति के अंतर्गत बसंत कुंज व शारदा नगर विस्तार में निर्मित प्रधानमंत्री आवास आवंटित करते हुए इन्हें विस्थापित किया जाएगा।
इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के भूखंड का भी होगा नामांतरण
अपर सचिव ने बताया कि आज बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद अब एलडीए इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की संपत्ति का नामांतरण करेगा। इसमें ट्रस्ट द्वारा पट्टे पर आवंटित ऐसे भूखंड जिनमें निर्धारित वार्षिक किराये में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए 30 साल की अवधि के बाद 30-30 साल के दो नवीनीकरण कराने का अधिकार पट्टाधारक को दिया गया है। ऐसे भूखंडों में पट्टावधि प्रभावी होने की दशा में नामांतरण की कार्यवाही की जाएगी।
शुल्क के रूप में जमा की जाएगी प्रतिभूति राशि
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि पूर्व में बोर्ड बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार 200 वर्गमीटर या इससे बड़े प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए सोलर एनर्जी संयत्र, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग व पौधारोपण करना अनिवार्य किया गया था। व्यवस्था प्रभावी रूप से लागू हो सके, इसके लिए प्राधिकरण द्वारा भवन का नक्शा पास करते समय आवेदक से निर्धारित प्रतिभूति राशि एफडीआर के रूप में जमा करवायी जा रही है। इससे नक्शा पास करने में समय अधिक लग रहा। साथ ही जन सामान्य को भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इससे देखते हुए बोर्ड ने अब प्रस्ताव पास किया है कि प्रतिभूति राशि मानचित्र स्वीकृति/शमनित के समय अन्य शुल्कों के साथ प्राधिकरण कोष में जमा करवायी जाएगी। काम पूरा होने पर प्रतिभूति धनराशि प्राधिकरण अवमुक्त कर देगा।
गोमती नगर में विद्युत उपकेन्द्र के लिए दिये दो प्लॉट
सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि गोमती नगर में 33/11 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र निर्माण के लिए लेसा द्वारा जमीन मांगी थी। इसी क्रम में बोर्ड ने विशेष खंड में 764 वर्गमीटर तथा विनम्र खंड में 1674.38 वर्ग मीटर का भूखंड विद्युत विभाग को देने का प्रस्ताव पास किया है। यह दोनों प्लॉट 90 साल की लीज पर आवंटित किये जाएंगे।
इसके अलावा लखनऊ महायोजना-2031 में चिन्हांकित टीओडी क्षेत्र का जोनल डेवेलपमेंट प्लान व प्राधिकरण का जोनल प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा। जिसके लिए आरएफपी जारी करने के प्रस्ताव को बोर्ड ने आज मंजूरी दी है।
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बोर्ड बैठक में कमिश्नर, उपाध्यक्ष, सचिव व अपर सचिव के अलावा वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता अवनीन्द्र कुमार सिंह, सीटीपी केके गौतम समेत बोर्ड के सदस्य व अन्य विभागों के अफसर मौजूद रहें।