एलडीए का एक और कारनामा आया सामने, गड्ढों में बेच डाले प्‍लॉट, परेशान आवंटियों ने जनता अदालत में लगाई गुहार

गड्ढों में प्‍लॉट
आवंटियों की समस्‍याएं सुनते एलडीए वीसी, सचिव व अपर सचिव।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अगर आप भी लखनऊ विकास प्राधिकरण से प्‍लॉट खरीदने की सोच रहें हैं तो सावधान हो जाए। आज एलडीए की जनता अदालत में आए कुछ मामलों ने अधिकारियों की आवंटियों के प्रति संजीदगी की पोल खोल दी है। जिसमें पता चला है कि एलडीए की बसंत कुंज योजना में प्‍लॉट खरीदने के बाद भी आवंटी अपने सपनों का आशियाना सिर्फ इसलिए नहीं बना पा रहें क्‍योंकि एलडीए ने जो प्‍लॉट उन्‍हें बेचा है वह दो-चार फिट नहीं, बल्कि दस से 18 फिट गहरे गड्ढे में है। परेशान आवंटियों ने जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देते हुए एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी से गड्ढा भरवाने की गुहार लगाई है।

मकान बनाने पहुंचे आवंटी खुद को ठगा हुआ कर रहें महसूस

जनता अदाल में कानपुर रोड निवासी आवंटी विशाल राज ने बताया कि उन्‍होंने कुछ साल पहले बसंतकुंज के सेक्‍टर ओ स्थित प्‍लॉट संख्‍या 651 एलडीए से खरीदा था। प्‍लॉट का पूरा पैसा एलडीए को देने के बाद अपना प्‍लॉट देखने पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। प्‍लॉट करीब दस फिट गहरे गड्ढे में था और आसपास भी जंगल जैसे हालात थे। उन्‍होंने प्‍लॉट में मिट्टी भरवाने व जंगल कटवाने की एलडीए से मांग की है।

प्‍लॉट की बाउंड्री भी नहीं करा पा रहें

वहीं जानकीपुरम निवासी आवंटी दिप्‍ती वैश्‍नय ने बताया कि उन्‍हें भी एलडीए ने बसंत कुंज के सेक्‍टर ओ स्थित प्‍लॉट नंबर 711 लॉटरी द्वारा आवंटित किया था, लेकिन प्‍लॉट करीब 15 फिट गहरे गड्ढे में होने की वजह से मकान बनाना तो दूर वह उसकी बाउंड्री भी नहीं करा पा रहीं। सेक्‍टर के व आई स्थित प्‍लॉटों के भी कुछ ऐसे ही हालात बताए जा रहें हैं।

सात महीने पहले एलडीए ने कहा था प्रस्‍ताव मंजूर…

दिप्‍ती ने बताया कि कई बार विभाग के चक्‍कर लगाने के बाद जनवरी में एलडीए ने खुद ही उन्‍हें एक पत्र भेजते हुए बताया था कि बसंत कुंज योजना के प्‍लॉट में मिट्टी भराई का प्रस्‍ताव मंजूर हो चुका है। आवंटी के अनुसार सात महीने बीतने के बाद भी एलडीए ने उनके प्‍लॉट में मिट्टी नहीं भरवाई है।

वीसी के निरीक्षण-निर्देशों के बाद भी नहीं खत्‍म हुई दीपशिखा के आवंटियों की समस्‍याएं

वहीं आज दीपशिखा अपार्टमेंट के आवंटी अशोक कुमार श्रीवास्‍तव, एसपीएस राना व रमेश कुमार चतुर्वेदी ने जनता अदालत में जोन दो के इंजीनियरों की कारस्‍तानी सुनाई। आवंटियों ने बताया कि बीते एक अप्रैल को खुद एलडीए वीसी ने अपार्टमेंट का निरीक्षण कर समस्‍याओं को दूर करने का निर्देश इंजीनियरों को दिया था।

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कार्रवाई नहीं होने पर इसके बाद उन लोगों ने 30 मई को भी जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देकर लिकेज-सीपेज होने व फायर फाइटिंग व सीसीटीवी के नहीं लगने समेत अन्‍य दिक्‍कतों की शिकायत की थी। जिसपर वीसी ने जोन दो के एई को सुधरने की चेतावनी देते हुए तुरंत समस्‍याओं को दूर कराने का निर्देश दिया था, लेकिन करीब ढाई महीना बीतने के बाद भी अपार्टमेंट में इंटरकॉम, सीसीटीवी कैमरे, बाउंड्री वॉल, परिसर में लाइट लगाने, पार्किंग आवंटन, फ्लैटों व ड्रेनेज में लीकेज, बेसमेंट से पानी निकासी व लिफ्टों के अनुरक्षण का काम अभी तक पूरा नहीं कराया गया है। इंजीनियरों की लापरवाही व मनमानी के चलते वहां रहने वाले आवंटियों को न सिर्फ दिक्‍कत हो रही, बल्कि आरडब्‍ल्‍यूए का भी गठन नहीं हो पा रहा है।

रजिस्‍ट्री के आठ साल बाद भी नहीं मिला कब्‍जा

वहीं आशियाना कॉलोनी के आधा दर्जन आवंटियों ने भी आज जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उनके प्‍लॉट की एलडीए ने साल 2015 में ही रजिस्‍ट्री कर दी थी, लेकिन आज तक कब्‍जा नहीं दिया। आवंटी गुरूशरण सिंह, कुलवंत सिंह, रजनी डावरा, पंकज कुमार शर्मा, कुलदीप कौर व सावित्री के अनुसार उनके प्‍लॉट पर अवैध कब्‍जा है। इसकी शिकायत वह कई बार एलडीए में कर चुके हैं। इससे पहले 15 जून को भी उन लोगों ने जनता अदालत में कब्‍जे की मांग की थी, एलडीए की ओर से 15 दिन में समस्‍या के निस्‍तारण का आश्‍वासन भी दिया गया था, लेकिन अभी तक एलडीए उनके प्‍लॉटों से अवैध कब्‍जा नहीं हटा सका है।

ठेकदार ने कहा, काम नहीं करने दे रहें किसान

इसके अलावा आज मेसर्स साईं शक्ति फर्म के ठेकेदार ने भी जनता अदालत में किसानों की शिकायत की। ठेकेदार के अनुसार गोमतीनगर विस्‍तार के सेक्‍टर एक में उसे सड़क, नाली व पार्क की बाउंड्री वॉल बनाने का ठेका मिला है, लेकिन वहां किसान उसे काम ही नहीं करने दे रहे। किसान मजूदरों को पीटकर भगा देते हैं। वह गोमतीनगर पुलिस में भी शिकायत कर चुका है, लेकिन पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही। ऐसे में उसे मौके पर या किसी अन्‍य जगह कार्य करने के लिए स्‍थान उपलब्‍ध कराया जाए।

एलडीए का दावा 36 में से निपट गए नौ मामले

वहीं एलडीए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि जनता अदालत में आज रजिस्ट्री, फ्री-होल्ड, कब्जे व अवैध निर्माण आदि से संबंधित 36 प्रार्थना पत्र आए थे, जिनमें से नौ मामालों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। बाकी प्रकरणों के निस्तारण के लिए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने समय सीमा निर्धारित करते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।

अपर सचिव के अनुसार अलीगंज सेक्टर-एन निवासी स्वदेश चन्द्र ने लीज प्रॉपर्टी के फ्री-होल्ड के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया गया, जिस पर सम्बंधित अधिकारी को 15 दिन में कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये। वहीं, परमेश्वरी देवी ने एलडीए कालोनी के सेक्टर-जी में आवंटित भवन की अंतिम गणना करा रजिस्ट्री करने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर उप सचिव अतुल कृष्ण को सात दिन में कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।

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इस क्रम में शारदा नगर योजना के रश्मि खंड निवासी हेमंत कुमार ने मकान की रजिस्ट्री कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इस मामले में वीसी ने मौके पर ही पत्रावली अनुमोदित करायी। इसके अलावा नेहरू इन्क्लेव के प्रेमायन ब्‍लॉक के भवन संख्या-85 के आवंटी दिनेश कुमार सिंह ने भवन का कब्जा दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। जिसपर वीसी ने फाइल का परीक्षण करने के बाद आवंटी को तीन दिन के अंदर कब्जा दिलाने के आदेश दिये।

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जनता अदालत में वीसी के अलावा एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, ओएसडी राजीव कुमार, श्रद्धा चौधरी, देवांश त्रिवेदी, रविनंदन सिंह, एसडीएम शशिभूषण पाठक, अधिशासी अभियंता नवनीत शर्मा, उप सचिव अतुल कृष्ण समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहें।