मंदसौर में आक्रोशित किसानों ने डीएम के कपड़े फाड़े, राहुल की नो इंट्री

जिलाधिकारी

आरयू वेब टीम।

मध्‍य प्रदेश के मंदसौर में किसानों का आंदोलन आज और उग्र हो गया। पिछले छह दिनों से फसल के सही दाम और कर्ज माफी की मांग कर रहे किसानों ने आज न सिर्फ जिलाधिकारी के कपड़े फाड़ दिए बल्कि उन्‍हें दौड़ा भी लिया। कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारी पुलिस की कथित फायरिंग में मारे गए छह किसानों की मौत से जबरदस्‍त गुस्‍से में हैं। किसान मौके पर मुख्‍यमंत्री को बुलाने की भी मांग कर रहे हैं।

डीएम के साथ हुई इस घटना के बाद दोपहर में किसानों को आक्रोश और बढ़ गया। देखते ही देखते उन्‍होंने करीब दस वाहनों में आग लगा दी। प्रशासन ने मंदसौर में कफ्यू लगाने के साथ ही मंदसौर समेत रतलाम, नीमच और उज्‍जैन में भी टेलीफोन और इंटरनेट सेवा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

दूसरी ओर मौके की नजाकत को देखते हुए राहुल गांधी का किसानों से मिलने वाले कार्यक्रम को स्‍थागित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने राहुल के हेलीकॉप्‍टर को जिले में उतरने की इजाजत नहीं दी है।

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वहीं प्रशासन ने तनावग्रस्‍त इलाकों में कफ्यू लगा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार किसानों को समझाने पहुंचे डीएम स्‍वतंत्र कुमार सिंह के साथ किसनों ने धक्‍का-मुक्‍की भी कि इसके अलावा उनके साथ पहुंचे अधिकारियों को दौड़ाकर खदेड़ दिया। डीएम से किसानों की नाराजगी की वजह उनकी लेतलतीफी कही जा रही है।

मध्‍य प्रदेश सरकार ने तेजी दिखाते हुए प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले छह किसानों की मौत की न्‍यायिक जांच कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ितों के परिजन को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है।

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उल्‍लेखनीय है कि किसानों की मांग पूरी नहीं होती देख वहीं किसान संगठनों और कांग्रेस ने बुधवार को राज्यव्यापी बंद का एलान किया था। जिसका व्‍यापक असर सामने आया है। वहीं किसान संघर्ष समिति ने दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग उठाई है।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये मौतें पुलिस की फायरिंग से हुई या अन्य कारणों से प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मृतकों के शरीर पर गोली के निशान हैं,  लेकिन प्रशासन ने पुलिस फायरिंग की बात से इंकार किया है। डीएम ने कहा है कि पुलिस ने न तो गोली चलायी और न ही किसी ने गोली चलाने के आदेश दिए। मृतकों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करायी जा रही है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौतों की सही कारणों का पता चल पाएगा।

इधर, इंदौर में किसानों की ओर से निकाले गए ‘शांति मार्च’ में शामिल लोगों ने पुलिस बल पर हल्का पथराव किया। पुलिस ने बल प्रयोग और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा दिया।

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इंटरनेट सेवा पर रोक

दूसरी ओर बिगड़ते हालातों के बीच प्रशासन ने अफवाहों पर रोक लगाने के लिए रतलाम, मंदसौर और  नीमच जिले में मंगलवार की सुबह से ही इंटरनेट सुविधा पर रोक लगा रखी है।

गौरतलब है कि  भारतीय किसान संघ व मध्य प्रदेश किसान सेना ने सीएम के साथ बैठक के बाद सोमवार को आंदोलन खत्म करने का फैसला किया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने की बात कहते हुए प्रदर्शन को जारी रखा है।