आरयू वेब टीम। इंदौर के मंदिर में बावड़ी की छत ढह जाने से जान गवाने वालों का आंकड़ा शुक्रवार दोपहर बढ़कर 36 तक पहुंच गया है। जिसके बाद इंदौर में त्यौहार की खुशियां मातम की चीख-पुकार में बदल गई। हालांकि आज दोपहर तक एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने तलाश बंद नहीं की थी, क्योंकि अब भी किसी के दबे होने की होने की आशंका है।
शुक्रवार दोपहर पुलिस आयुक्त इंदौर मकरंद देओस्कर ने 36 लोगों के मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि हादसे में जो एक व्यक्ति लापता था उसका शव भी बरामद कर लिया गया है। लोगों से जो सूची हमें मिली थी उन्हें बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन अभी भी हम बचाव कार्य चला रहे हैं जिससे कहीं कोई फंसा न रह जाए।
ये हादसा रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में हुआ है, जहां बावड़ी की छत पर लोग आरती के लिए एक साथ उठ खड़े हुए और वो छत इतने लोगों का भार सह नहीं पाई, जिसके बाद बावड़ी की छत भरभराकर नीचे गिर गई। जिससे वहां मौजूद 50 से अधिक लोग सीधे बावड़ी में जा गिरे, कुछ सीढ़ियों पर अटक गए। कुछ भगदड़ का शिकार हो गए।
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जानकारी के मुताबिक, अभी 18 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें से दो को छुट्टी दे दी गई है। इस हादसे में अब तक 36 लोगों की जानें जा चुकी हैं। इंदौर के कलेक्टर डॉ टी इलैयाराजा ने बताया कि अभी तक तलाशी अभियान बंद नहीं किया गया है।
गौरतलब है सेना की तीश टुकड़ियों के 70 जवान बचाव कार्य कर रहे हैं। रात करीब 11 बजे के बाद सेना के जवान बावड़ी में उतरे और चार शवों को बाहर निकाला, इसमें तीन पुरुष और एक महिला का शव शामिल था। बावड़ी में पानी के रिसाव के बीच सरिए काटकर सेना के जवान नीचे पहुंचे थे। शवों को बाहर निकालते ही एमवाय अस्पताल पहुंचाया गया था।