आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भी लगातार राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर जारी महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर रविवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है।
आज अपने एक बयान में अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार लोकतंत्र की समस्त मान्यताओं की विरोधी साबित हो रही है। संविधान नागरिकों को विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है उसका तिरस्कार करने में भी भाजपा को कतई संकोच नहीं है। पूरे देश में सीएए, एनआरसी और एनपीआर, के विरोध में जन आक्रोश उमड़ा है। उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। राजधानी में 17 जनवरी से घंटाघर पर महिलाएं भाजपा की अलोकतांत्रिक रीति-नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज आठ मार्च को महिला दिवस भी है। इस दिन महिलाओं के मान-सम्मान की रक्षा के लिए संकल्प लिया जाता है, लेकिन भाजपा को नारी सम्मान से वास्ता नहीं है।
मौत पर अखिलेश ने जताया अफसोस
वहीं प्रदर्शन के दौरान बीमार पड़ने के चलते दो महिलाओं की मौत पर अफसोस जताते हुए यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि कितने दुःख की बात है कि बीती 23 फरवरी की रात ठंड की मार से डालीगंज की तैयब्बा व सात मार्च की रात तहसीनगंज की फरीदा की मौत हो गई।
…इतिहास की अनोखा घटना
अखिलेश ने हमला जारी रखते हुए कहा कि जिस बहादुरी से कड़कड़ाती ठंड और ओलों की बरसात के बीच पूरी रात और दिन भर मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में पुलिस उत्पीड़न का मुकाबला करते हुए महिलाएं धरना-आंदोलन जारी रखे हैं, वह इतिहास की अनोखा घटना है। ऐसा पहली बार हुआ है जब देशभर में सरकारी नीतियों का विरोध व्यापक स्तर पर महिलाओं के समूह द्वारा किया जा रहा है।
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जनता के विरोध को अपनी सत्ता का विरोध समझ लिया
साथ ही अखिलेश ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर लोकतांत्रिक अधिकारों पर वज्रपात के समान है। आंदोलनकारियों का उत्पीड़न, अत्याचार और अपमानित करना भाजपा अपना अधिकार समझती है। जनता के विरोध को उसने अपनी सत्ता का विरोध समझ लिया है। भाजपा बदले की भावना, द्वेष और नफरत में अंधी हो चुकी है।